खेल विभाग की खामियों पर खेमका की नजरें

punjabkesari.in Friday, Jun 15, 2018 - 07:43 AM (IST)

चंडीगढ़(पांडेय): खेल विभाग में विवादित आदेश जारी कर सरकार के लिए मुसीबत बने हरियाणा के चर्चित आई.ए.एस. अशोक खेमका की नजरें अब विभाग की पुरानी खामियों पर पड़ गई है। खेमका ने पूर्व के दिनों में जूूनियर और सब-जूनियर प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं को ईनामी राशि देने पर सवाल खड़ा कर दिया है।
 

खेमका ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए संबंधित दस्तावेज भेजकर मुख्यमंत्री और खेल मंत्री अनिल विज से परमिशन मांगी है। खेमका ने यह कवायद ऐसे समय में छेड़ी है जब उन्होंने जूनियर खिलाडिय़ों को नकद ईनामी राशि नहीं देने का स्पष्टीकरण जारी कर विवाद खड़ा किया था। अशोक खेमका ने जूनियर और सब-जूनियर खिलाडिय़ों को लाखों रुपए बिना प्रावधान के ईनाम देने पर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं।

सूत्रों की मानें तो खेल विभाग में आने के बाद से ही खेमका की नजर विभागीय खामियों पर ही लगी हुई थी। पिछले दिनों ही इस मामले की फाइल खेमका के पास आई तो उसे देखकर हैरान रह गए। वजह साफ थी कि 2015 की खेल नीति में यूथ ओलिम्पिक गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता को 10 लाख, रजत पदक विजेता को साढ़े 7 लाख और कांस्य पदक विजेता को 5 लाख रुपए मिल रहे हैं और जूनियर व सब-जूनियर प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं को 20 लाख, 15 और 10 लाख रुपए की राशि दे दी गई। 
 

इस पूरे मामले से खेमका ने खेल मंत्री अनिल विज को अवगत करवाया और राशि वितरण का पूरा रिकॉर्ड तलब किया। यही नहीं खेमका ने इस मामले की जांच के लिए सरकार से संस्तुति भी मांगी है। खेमका का तर्क साफ है कि जब खेल नीति में जूनियर और सब-जूनियर श्रेणी के पदक विजेताओं को कोई ईनामी राशि देने का प्रावधान नहीं है तो किस तरह से विभागीय अफसरों ने अब तक करीब 2 हजार खिलाडिय़ों को ईनामी राशि दी। नई खेल नीति में सिर्फ जूनियर वर्ल्ड कप, वर्ल्ड चैंपियनशिप, पैरा-वर्ल्ड गेम और पैरा-वर्ल्ड चैंपियनशिप वार्षिक के लिए ही राशि वितरित करने का प्रावधान है।
 


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Rakhi Yadav

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