सरकार संवैधानिक संस्थाओं में कर रही दखलअंदाजी : हुड्डा

punjabkesari.in Wednesday, Jun 13, 2018 - 08:42 AM (IST)

चंडीगढ़(बंसल):  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सवालों के माध्यम से सीएम खट्टर पर निशाना साधा और यह आरोप लगाया कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं में दखलअंदाजी कर रही है। हुड्डा अपने फ्लैट पर पत्रकारोंं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाषण और बयानों से शासन नहीं चलता, बल्कि सरकार को जनहितैषी कार्य करने होते हैं। 

उन्होंने भाजपा के जनसंपर्क अभियान के तहत लोगों को सरकार की उपलब्धियां बताने पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि कौन सा नया प्रोजैक्ट प्रदेश में लगाया है। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क अभियान के तहत मुख्यमंत्री उन्हें भी मिले तो बताऊंगा कि उपलब्धियां क्या होती हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर मुख्यमंत्री सरकार की उपलब्धियों से मुझे संतुष्ट कर दें तो मैं भी उनके अभियान का समर्थन कर दूंगा।

हुड्डा ने मुख्यमंत्री से कई सवालों का जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि जब हमने सत्ता छोड़ी तो प्रदेश पर करीब 70 हजार करोड़ रुपए का कर्जा था। 4 वर्षों में यह बढ़कर 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। सरकार बताए कि इस पैसे को कहां खर्च किया। 4 वर्षों में कितनी नई रेल लाइनें और मैट्रो लाइन लेकर आए। कितने नए पावर प्लांट स्थापित किए और कितने शहरों में आई.एम.टी. स्थापित हुई। सरसों के टोकन तो किसानों को दे दिए लेकिन उनकी फसल की खरीद की नहीं। अब सूरजमुखी खरीद में भी सरकार शर्तें लगाने की तैयारी में है।

हुड्डा ने आगे पूछा कि सरकार के मुखिया का संवैधानिक संस्थाओं में दखल करना कितना वाजिब है। उनको क्यों नहीं अपना काम स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से करने दिया जा रहा है। क्या मुख्यमंत्री का हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन से फोन करने के पीछे कोई और मकसद तो नहीं है। क्या यह खेल हरियाणा सर्विस सिलैक्शन कमीशन पर पड़े काले दाग ढांपने का प्रयास तो नहीं हैं? 

उन्होंने कहा कि यह सरकार पूर्व सरकार की नियुक्तियों पर सवाल उठाती है अगर ऐसा है तो फिर उनकी सरकार के दौरान एच.पी.एस.सी. के अध्यक्ष को मौजूदा सरकार ने राज्यसभा का सदस्य क्यों बनाया। पूर्व सी.एम. ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को सरकार ने परचून की दुकान बना दिया है। हुड्डा ने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि बी.बी.एम.बी. ने मैंबर इरिगेशन के लिए क्या शर्तें रखी हैं, क्या जो ताजा शर्तें हैं उनके मुताबिक हरियाणा का कोई कार्यरत मुख्य अभियंता पात्र है, बी.बी.एम.बी. में जब से नया चेयरमैन आया है कितनी नियुक्तियां कच्ची व पक्की हुई हैं और उनमें से कितनी हरियाणा से हैं, क्या बी.बी.एम.बी. के वर्तमान चेयरमैन की नियुक्ति में हरियाणा सरकार की सहमति ली गई? उन्होंने कहा कि एन्हांसमैंट के नाम पर लोगों से ज्यादती करना ठीक नहीं है। 

उन्होंने कहा कि प्लाट बेचकर पैसा तो सरकार ने कमाया और एन्हांसमैंट लोग भुगतें। अगर उनकी सरकार आई तो एन्हांसमैंट का बोझ लोगों पर नहीं डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि ए.आई.सी.सी. के अधिवेशन में फैसला हो गया था कि कांग्रेस सरकार आने पर पहले की भांति किसानों के कर्जे माफ कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब मैं एम.आई.टी.सी. के 4000 कर्मचारियों को नौकरी लगा सकता हूं तो मौजूदा सरकार को कोर्ट के फैसले से प्रभावित कर्मचारियों को नौकरी देने के लिए ऑर्डिनैस लाना चाहिए लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं है। 
 

 
 


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Rakhi Yadav

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