33 साल से सरकार के इस भ्रष्ट सिस्टम में पिस रहा किसान, तीसरी पीढ़ी मांग रही न्याय

6/12/2018 12:38:07 PM

भोपाल : एक तरफ किसान सरकार की ‘किसान विरोधी नीतियों’ से परेशान है। तो वहीं, दूसरी तरफ सिवनी जिले के सिलघाट गांव का एक किसान परिवार पिछले 33 साल से सरकार के जमीन अधिग्रहण सिस्टम तले पिस रहा है। दरअसल, 1985 में सरकार ने किसान की जमीन को दूसरी जगह जमीन देने के बदले अधिग्रहित किया था। लेकिन, मुआवजे का आदेश और भूमि का आभाव होने के चलते भी उसे आज तक जमीन नहीं मिल सकी।

तीन पीढ़ियां लगाती आ रही हैं मंत्रालय के चक्कर
दरअसल सरकार ने पूरनलाल से जमीन ली थी और कन्हैयालाल पूरनालाल के पौत्र हैं। कन्हैयालाल गौतम फिछले 33 सालों से सरकार से अपनी ही जमीन वापस पाने की गुहार लगा रहा है। वह सिवनी के वन अफसर और कलेक्टर से लेकर मप्र सरकार के मंत्रालय तक चक्कर लगा चुके हैं। बावजूद इसके उनके हाथ खाली है।

पीड़ित किसान ने सीएम को सौंपा ज्ञापन
मामले को लेकर कन्हैयालाल गौतम ने सीएम को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें लिखा है कि बरघाट तहसील के सिलघाट गांव में पूरनलाल की पैतृक भूमि 3.26 हेक्टेयर को सरकार ने 1979 में अधिग्रहित कर वन भूमि में शामिल किया था और उन्हें इसके बदले में दूसरी जगह उतनी ही भूमि मिलनी थी। लेकिन, उस खसरा नंबर से सरकार ने भूमिहीनों को पट्टे बांट दिए, जिस वजह से भूमि नहीं मिल पाई। इसके लिए कलेक्टर, डीएफओ के बीच सालों से चक्कर काट रहे हैं।
बता दें कि पूरनलाल के निधन के बाद उनके बेटे ने इस जंग को जारी रखा और अब उनके पोते कन्हैयालाल की अपनी जमीन वापस पाने की कोशिश जारी है। जानकारी के अनुसार अब उस भूमि के 11 मालिक हो गए हैं।

प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
पीड़ित अन्नदाता की तीसरी पीढ़ी का सदस्य यानी पूरनलाल का पोता अपना हक वापस पाने के लिए लगातार प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। लेकिन, सिवनी कलेक्टर गोपाल चंद्र डांड और डीएफओ ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जबकि पीडि़त किसान का आरोप है कि अफसरों ने फाइल को सालों से लंबित रखा है।

सीएम हेल्पलाइन से भी नहीं मिली मदद
वैसे तो सरकार हर समस्या का सामाधान सीएम हेल्पलाइन के जरिए होने का करती है। लेकिन पीड़ित कन्हैयालाल को यहां भी न्याय नहीं मिला। सरकार के हर दरवाजे पर गुहार लगाने के बाद किसान कन्हैयालाल गौतम ने सीएम हेल्पलाइन 181 पर भी गुहार लगाई, लेकिन यहां भी उसे न्याय की जगह सिर्फ आश्वासन ही मिला। अब पीड़ित किसान ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर एक बार फिर समस्या के समाधान का गुहार लगाई है।


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Prashar

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