इस सरकारी स्कूल में 10वीं का एक भी बच्चा नहीं हुआ पास, 12वीं में केवल दो हुए सफल

punjabkesari.in Wednesday, May 23, 2018 - 06:22 PM (IST)

पलवल(दिनेश कुमार): हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में जहां एक तरफ आधा हरियाणा फेल हो गया, वहीं पलवल के गांव दीघोट में बना एक सरकारी स्कूल पूरा ही फेल हो गया। इस स्कूल में 10वीं कक्षा में 51 बच्चों ने पेपर दिए लेकिन कोई भी बच्चा पास ना हो सका। अब शिक्षा विभाग इसके लिए समीक्षा करने की बात कह रहा है।

पलवल के गांव दीघोट में बने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्कूल में 217 छात्र- छात्राएं पढ़ते हैं। इस स्कूल के परिक्षा परिणामों की तरफ गौर करें तो परिणाम चौकाने वाले हैं। कक्षा 12 के परीक्षा परिणामों में 23 बच्चों में से केवल 2 बच्चे ही पास हो पाए हैं। कक्षा 10 में 51 बच्चों ने पेपर दिए लेकिन एक भी बच्चा पास नहीं हो सका। 51 बच्चों में से 5 बच्चों का नकल करते हुए पकड़े जाने पर केस बन गया। और बचे हुए 46 बच्चों में से एक बच्चे की कंपार्टमेंट आ गई बाकी फेल हो गए।  

PunjabKesari

स्कूल के अध्यापकों का कहना है कि पहले सेंटर स्कूल में आता था लेकिन इस बार सैंटर स्कूल में नहीं आया जिस कारण बच्चे अच्छी तरह से पेपर नहीं दे पाए। इसके ‌अलावा बच्चों के माता पिता कभी पढ़ाई की तरफ ध्यान नहीं देते। उनका कहना है कि सरकार ने 5वीं व 8वीं बोर्ड की परीक्षा खत्म कर दी जिससे बच्चों के मन से फेल होने का डर ही खत्म हो गया। 

10वीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों ने इसका जिम्मेदार अध्यापकों को ठहराया है। छात्रों ने अध्यापकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यापकों ने कभी उनको अच्छे तरीके से नहीं पढ़ाया। जिस कारण आज सारे बच्चे फेल हो गए हैं। छात्रों ने बताया कि उनको सबजेक्ट के बारे में समझाया नहीं जाता था। 

वहीं इस क्षेत्र इनेलो से पूर्व में विधायक रहे जगदीश नायर का कहना है इस रिज्लट के लिए जिम्मेदार बीजेपी सरकार है। सरकार का अफसरशाही पर कोई कंट्रोल नहीं है, जिस कारण सरकारी तंत्र और सरकारी कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। अध्यापक स्कूलों में पढ़ाई नहीं कराते जिस कारण ये बच्चे फेल हुए हैं। 

हरियाणा सरकार भले ही सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तर्ज पर विकसित करने के दावे करती हो पर असल में सरकारी स्कूलों के हालात बद से बदतर हैं। शिक्षा के स्तर पर बात करे तो सरकारी स्कूल बुरी तरह से पढ़ाई में लगातार नीचे गिर रहे हैं। लगातार शिक्षा का गिरता स्तर जहां बच्चों के भविष्य के लिए परेशानियां खड़ी कर रहा है, वहीं स्कूलों के कार्य प्रणाली और स्कूल स्टाफ पर भी सवालिया निशान लगा रहा है। सवाल ये भी है कि क्यों भारी भरकम वेतन पाने वाले अध्यापक शिक्षा के स्तर को गिरने से संभाल नही पा रहे हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Shivam

Recommended News

Related News

static