बीमारी से जूझ रहे पाकिस्तान के 'लिजेंड' हाॅकी प्लेयर ने भारत से मांगी मदद
punjabkesari.in Tuesday, Apr 24, 2018 - 05:21 PM (IST)
नई दिल्लीः पाकिस्तान के जिस 'लिजेंड' हाॅकी प्लेयर ने कई मैचों में भारत से जीत छिनी आज वो उसी से मदद मांग रहा है। 49 वर्षीय स्टार गोलकीपर मंसूर अहमद बीमार हैं और उन्होंने अपना इलाज करने के लिए भारत सरकार से मदद मांगी। अहमद ने यहां अपने हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से वीजा देने की अपील भी की है।
अहमद के दिल में लगा पेसमेकर और स्टेंट्स ने काम करना बंद कर दिया है। उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है और यह सिर्फ भारत में ही संभव हो सकता है। इसके लिए उन्होंने मेडिकल वीजा पाने के लिए भारत से गुहार लाई। उन्होंने 4-5 साल पहले दिल की सर्जरी करवाई थी जिसमें उन्हें पेसमेकर और स्टेंट लगाए गए थे। लेकिन एक बार फिर परेशानी बढ़ने लगी है। पिछले महीने से उनकी हालत आैर भी खराब हो रही है। ऐसे में उनके बचाव के लिए हाॅर्ट ट्रांसप्लांट ही एकमात्र रास्ता है।
वीडियो जारी कर मांगी मदद
उन्होंने ट्वीटर पर एक वीडियो जारी कर भारत से मदद मांगी। उन्होंने कहा, ''मैंने भारत के खिलाफ हॉकी मैचों में कई बार भारतीयों के दिल तोड़े हैं और कई बार भारतीय टीम से जीत छीनकर अपने देश पाकिस्तान को जिताया। इंदिरा गांधी कप, एशिया कप, वर्ल्ड कप और एशियन गेम्स। कुछ उदाहरण हैं जिनमें मैं भारत के खिलाफ खेला, लेकिन आज मुझे भारतीय सरकार और खासतौर पर सुषमा स्वराज की मदद की जरुरत है। मैं उनसे अपनी वीजा एप्लिकेशन को प्रोसेस करने का अनुरोध करता हूं। मैं पूर्व भारतीय खिलाड़ी धनराज से मिलना चाहता हूं। धनराज जब पाकिस्तान लीग में खेलने आए तो वह मेरी कोचिंग में ही खेले थे।''
Pakistan hockey hero seeks help from India on heart transplant to save his life pic.twitter.com/3qL0hWA7CK
— Shahid Hashmi (@hashmi_shahid) April 23, 2018
अफरीदी से भी मांग चुके हैं मदद
अहमद पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी से भी मदद मांग चुके हैं। अफरीदी ने भी उनको निराश नहीं किया आैर उनकी पूरी मदद करने का वादा किया। अफरीदी ने एक सप्ताह पहले अपने इंटाग्राम पर अहमद के साथ तस्वीर भी शेयर की थी। मंसूर अहमद ने लगभग एक दशक तक पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 338 मैच खेले। सिडनी में, 1994 में उन्होंने वर्ल्ड कप जीता और 1992 में उनके हिस्से कांस्य पदक आया। 1994 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन ने सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का खिताब दिया था।