बस कहने को रह गया कि धरती हमारी मां है

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 02:14 PM (IST)

कपूरथला (गुरविन्द्र कौर): लोगों के लिए धरती एक पूरा घर है इसलिए हमारे गुरुओं द्वारा धरती को मां का दर्जा के नाम से नवाजा गया है पर इस धरती के बाशिंदों की मनमानियों कारण आज धरती मां की होंद खतरे में पड़ चुकी है। विकास के नाम पर प्रदूषण व पानी की बेअदबी ने धरती मां को कमजोर करके रख दिया है। आज विश्व धरती दिवस है, बुद्धिजीवी व वातावरण प्रेमियों द्वारा अपने भाषण दिए जाएंगे व धरती को बचाने का संदेश दिया जाएगा। आज के बाद ये अपीलें, दलीलें समय की गरदिश में अलोप हो जाएंगी जिनकी दोबारा आमद अगले धरती दिवस पर होगी पर कुछ वातावरण प्रेमी इस कहर की आग को बुझाने में अपना योगदान डाल रहे हैं, आओ जाने इनके विचार।

किसान भी हुए जागरूक
धरती दिवस पर यह बात करनी शुभ संकेत के बराबर होगी कि इस बार जिला कपूरथला अधीन खेती करते किसानों द्वारा अपनी गेहंू काटने उपरांत नाड़ को आग नहीं लगाई जा रही। सरकारी हवालों अनुसार चलाई जागरूकता मुहिम व कानूनी कार्रवाई के ऐलान उपरांत यह सामने आया कि अब कुछ किसानों को छोड़कर बाकी किसी भी किसान का नाड़ को आग लगाने कारण चालान नहीं काटा गया।

धरती दिवस से जुड़े कुछ अहम तथ्य 
धरती की सुरक्षा को लेकर करीब 48 वर्ष पहले स्थापित हुआ धरती दिवस आजकल विश्व के 175 से अधिक देशों में एक लहर बन चुका है। 16 वर्षीय वातावरण प्रेमी एक स्कूली छात्रा ने धरती दिवस का झंडा जिसका आकार 4 गुना 6 फुट था डिजाइन किया। इसको पहले धरती दिवस के अवसर पर लाऊसीनिया प्रदेश में लहराया गया था जहां 2 करोड़ लोगों का एकत्रण था।


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Anjna

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