टारगेट पूरा करने में फेल हो सकते हैं कांग्रेसी

punjabkesari.in Monday, Apr 23, 2018 - 11:58 AM (IST)

अम्बाला(नरेन्द्र वत्स): प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की आपसी फूट का असर राहुल की रैली से दूर रखने के लिए पार्टी हाईकमान ने अलग-अलग रंगों की पगड़ी पर रोक लगाकर इन नेताओं की राजनीतिक ताकत का आंकलन ही बंद कर दिया। अब ऐसा कोई पैमाना नहीं बचेगा जिससे इन नेताओं के समर्थकों की संख्या का पता लग जाए। ऐसे में नेताओं को अपनी व्यक्तिगत भीड़ जुटाने की क्षमता दर्शाने की चिंता नहीं रहेगी। हाईकमान के इस निर्णय के बाद प्रदेश को दिया गया 50 हजार की भीड़ जुटाने का टारगेट फेल भी हो सकता है।

पार्टी हाईकमान की ओर से आयोजित होने वाली रैलियों में प्रदेश के कांग्रेसी नेता अपने-अपने समर्थकों की भीड़ दिखाने के लिए अलग-अलग पगडिय़ों का इस्तेमाल करते रहे हैं। इस मामले में पूर्व सी.एम. भूपेंद्र सिह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और अशोक तंवर आगे रहे हैं। प्रदेशभर में जनाधार के मामले में हुड्डा अन्य कांग्रेसियों से कहीं आगे हैं। पिछले कुछ समय से रणदीप सुर्जेवाला ने भी प्रदेश के सभी हिस्सों में रैलियों के माध्यम से अपना जनाधार बढ़ाने का काम किया है। अशोक तंवर प्रदेशाध्यक्ष का कार्यकाल बढऩे के बाद से ज्यादा एक्टिव हो गए हैं। क्षेत्रीय नेताओं में कैप्टन अजय और किरण चौधरी अपने-अपने इलाकों में सक्रिय होकर जनाधार बढ़ाने में लगे हुए हैं लेकिन वे भीड़ दिखाने के लिए पगडिय़ों का सहारा नहीं लेते। पगडिय़ों का इस्तेमाल अपना-अपना जनाधार प्रदर्शित करने के लिए किया जाता रहा है।

दिल्ली में पूर्व में आयोजित कांग्रेस की एक रैली में पगडिय़ों के चक्कर और एक-दूसरे के खिलाफ हूटिंग के कारण हुड्डा समर्थकों ने अशोक तंवर की धुनाई कर दी थी। उसके बाद से हुड्डा और तंवर के बीच दूरी काफी बढ़ी हुई है। मौका मिलते ही दोनों एक-दूसरे पर कटाक्ष करने में पीछे नहीं रहते। यही कारण माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने इस रैली में अलग-अलग रंगों की पगड़ी पहनकर आने और रैली में अपने समर्थक नेताओं के पक्ष में नारे लगाने पर पाबंदी लगा दी है। हाईकमान के इन आदेशों के बाद ये नेता अपनी-अपनी भीड़ का अलग प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। इससे यह भी पता नहीं चल पाएगा कि किस नेता ने रैली के लिए कितनी भीड़ जुटाई। ऐसे में अब इन नेताओं की यह चिंता खत्म हो गई कि कम भीड़ जुटाने का ठीकरा उनके सिर पर नहीं फूटेगा। इन नेताओं को अब भीड़ जुटाने के लिए अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में हाईकमान की ओर से दिया गया भीड़ का टारगेट भी पूरा होने में संशय बन गया है।

वाहनों की संख्या बनेगा आधार
अलग-अलग रंगों की पगडिय़ों पर रोक के बाद अब इन नेताओं की ओर से जुटाई जाने वाली भीड़ का आंकलन रैली में जाने वाले वाहनों से ही लगाया जा सकेगा। रैलियों में वाहनों पर समर्थक अपने-अपने नेताओं के स्टीकर लगाते हैं। हाईकमान वाहनों की वीडियोग्राफी करवाता है जिससे यह पता लग जाता है कि किस नेता का प्रदेश में कितना जनाधार है। महत्वपूर्ण बात यह है कि 25 अप्रैल को हुड्डा ने दिल्ली में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में वे समर्थकों को क्या निर्देश देते हैं, इसे लेकर उनके विरोधी खेमे के नेता भी काफी उत्सुक हैं। 

अशोक तंवर, प्रदेशाध्यक्ष, कांग्रेस
हाईकमान के सख्त निर्देश हैं कि रैली में कांग्रेस के रंग को छोड़कर किसी भी रंग की पगड़ी नहीं पहनी जाएगी। अगर कोई इन निर्देशों की पालना नहीं करेगा तो उसके खिलाफ हाईकमान की ओर से कार्रवाई की जाएगी। 


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Deepak Paul

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