शिक्षा विभाग सख्त: फार्म-6 जमा नहीं करने वाले स्कूल नहीं बढ़ा पाएंगे फीस

punjabkesari.in Tuesday, Apr 17, 2018 - 11:48 AM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के निजी स्कूलों में फीस बढ़ौतरी पर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। हरियाणा सैकेंडरी शिक्षा विभाग ने हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003, संशोधित 2014 के नियम 158-ए के अंतर्गत निजी स्कूलों के विरुद्ध प्राप्त हो रही शिकायतों हेतु दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यदि नियम 158-ए के तहत निर्धारित तिथि से पहले कोई स्कूल सभी दस्तावेजों सहित फार्म-6 जमा नहीं करवाता है तो उसे फीस बढ़ौतरी करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, फार्म-6 में बताई गई फीस से स्कूल अधिक फीस नहीं ले सकता। 

मंडलायुक्त किसी भी स्तर पर स्कूल की फीस से सम्बंधित जांच की लंबित अवधि के दौरान यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों की सामान्य प्रगति में किसी प्रकार की दिक्कत न आए।  गौरतलब है कि निजी स्कूलों में रूल 158 के तहत फीस बढ़ौतरी को लेकर प्रदेशभर में मंडलायुक्तों की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। फीस बढ़ाने के लिए निजी स्कूलों को हर साल फार्म-6 भरना होता है जिसमें स्कूल की ओर से यह जानकारी दी जाती है कि किस कारण से इस सत्र में इतनी फीस बढ़ाई जा रही है। 

मसलन फार्म-6 में स्कूलों को फीस बढ़ाने का कारण बताना अनिवार्य किया गया है लेकिन कुछ स्कूलों द्वारा मनमर्जी तरीके से हर साल वार्षिक चार्ज के तौर पर फीस बढ़ा दी जाती है। अभिभावकों की ऐसी शिकायत के बाद ही अब शिक्षा विभाग द्वारा फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी की है। शिक्षा विभाग की ओर से मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी को अब यह अधिकार दिया गया है कि फीस और फंड रैगुलेटरी समिति स्कूल के खातों की जांच करेगी कि स्कूल द्वारा कोई कोपिटेशन फीस या एडवांस शुल्क किसी छात्र से लिए जा रहे हैं या नहीं। 

फीस और फंड रेगुलेटरी समितियों के चेयरमैन सेवानिवृत्त लेखा अधिकारी या चार्टड अकाउंटेंट को कोपिटेशन फीस या एडवांस शुल्क की जांच के लिए मनोनीत कर सकते हैं। इसके अलावा, फीस और फंड रैगुलेटरी समितियां वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए किसी भी स्कूल के विरुद्ध शिकायत का भी निपटान करेंगी।


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Deepak Paul

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