जिले में साल-दर-साल कम हो रहा मलेरिया

punjabkesari.in Thursday, Apr 25, 2019 - 01:20 PM (IST)

जींद(ललित): जिले में स्वास्थ्य विभाग की मेहनत के चलते मलेरिया साल-दर-साल कम हो रहा है। 12 सालों से लगातार मलेरिया के मामले कम हो रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मी गर्मी का मौसम शुरू होते ही बीमारियों को रोकने के लिए सक्रिय हो गए हैं। जिले में यदि मलेरिया के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो साल 2007 में मलेरिया के 7235 मामले सामने आए थे। इसके अलावा डेंगू के 4 मामले मिले थे। साल 2008 में मलेरिया के 6558 मामले सामने आए।

इनमें से 5 मामले पी.एफ. थे। साल 2009 में मलेरिया के 3607 मामले सामने आए। एक मामला पी.एफ. था। साल 2010 में मलेरिया काफी कम हुआ और इस साल केवल 583 मामले ही सामने आए। साल 2011 में मलेरिया ने जिले में फिर छलांग लगाई और 656 मामले सामने आए। इनमें 8 मामले पी.एफ. थे।

2012 में 771 में से 7 मामले पी.एफ., 2013 में 322 में से 2 मामले पी.एफ. सामने आए। साल 2014 स्वास्थ्य विभाग को काफी राहत देने वाला रहा। इस साल केवल 51 मामले ही सामने आए।साल 2015 में 45, 2016 में 17, 2017 में 27 मामले और साल 2018 में केवल 17 मामले सामने आए। साल 2019 में अब तक कोई भी मलेरिया का मामला जिले में सामने नहीं आया है।
 
डेंगू ने 2015 में तोड़ा था रिकार्ड
साल 2015 में डेंगू ने रिकार्ड तोडऩे का काम किया था। इस साल 668 डेंगू के मामले जिले में सामने आए थे और इतने ज्यादा मामले आने पर स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए थे। इसके अलावा साल 2007 में डेंगू के 4 मामले सामने आए थे, जबकि साल 2008 में 11 मामले सामने आए थे। साल 2009 डेंगू के मामले में विभाग को राहत देने वाला साबित हुआ था। इस वर्ष कोई भी मामला डेंगू का सामने नहीं आया। साल 2010 में भी 2 मामले कन्फर्म तथा 5 मामले संदिग्ध सामने आए थे।

साल 2011 में डेंगू के 3 संदिग्ध मामले तथा साल 2012 में 10 कन्फर्म तथा 7 संदिग्ध मामले सामने आए थे। साल 2013 में डेंगू के 48 मामले सामने आए और साल 2014 में केवल एक ही मामला डेंगू का सामने आया था। साल 2016 में जिले में डेंगू के 156 केस सामने आए थे। साल 2017 में 135 केस डेंगू के सामने आए थे। साल 2018 में डेंगू के 98 मामले सामने आए। इस साल अब तक डेंगू का कोई भी केस जींद जिले में सामने नहीं आया है।

क्या कहते हैं स्वास्थ्य निरीक्षक
सिविल अस्पताल के स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा ने कहा कि विभाग का प्रयास है कि कोई भी बीमारी स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल से बाहर नहीं हो। पिछले साल मलेरिया और डेंगू स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल में रहा था। इस बार भी स्वास्थ्य विभाग की टीमें डोर-टू-डोर जाकर लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए जानकारी दे रही है। उम्मीद है कि इस बार भी बीमारियां कंट्रोल में रहेंगी। 


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