नई बिजली वितरण प्रणाली के बाद भी गलत रीडिंग ने बढ़ाई उपभोक्ताओं की परेशानी

punjabkesari.in Tuesday, Apr 23, 2019 - 09:54 AM (IST)

अम्बाला छावनी(ब्यूरो): एक तरफ सरकार बिजली के बिलों को लेकर पारदर्शिता लाने के लिए प्रयास कर रही है, वहीं बिजली उपभोक्ता इस नई प्रणाली से और अधिक परेशान है। पहले बिजली बिल से संबंधित शिकायत का समाधान सब डिवीजन लैवल पर हो जाता था लेकिन नई प्रणाली से उपभोक्ताओं को पंचकूला हैड आफिस की तरफ देखना पड़ रहा है व अधिक बिल भरने को मजबूर होना पड़ रहा है।बब्याल सब डिवीजन में कई उपभोक्ता इन दिनों बिजली के बिलों से संबंधित शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं।

जहां लोग एक से दूसरे अधिकारी के पास धक्के खाते नजर आए। ऐसे में उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली निगम एक तरफ तुरंत समाधान की बात कर रहा है। नई प्रणाली के अनुसार उपभोक्ता को बिल रीडिंग के अनुसार ही जैनरेट कर उपलब्ध करवाया जाने की बात कही जा रही है लेकिन ठेकेदारों व रीडिंग लेने वालों की लापरवाही के कारण अभी तक उपभोक्ताओं की रीडिंग मौजूदा रीडिंग से अधिक होने के कारण बिल अधिक आ रहे हैं और अब इस संबध में बिजली निगम के अधिक चक्कर काटने पड़ रहे हैं। 

क्या कहना है उपभोक्ताओं का
रोहित सिंह रामपुर सरहेड़ी का कहना है कि पिछले काफी समय से बिजली बिल रीडिंग अधिक होने के कारण अधिक आ रहे है व इस संबध में हर बार विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे है व कुछ समय से नई प्रणाली से बिल बनने के कारण अब बिल सुधार के लिए भी कई दिन का इंतजार करना पड़ रहा है।  दयाल बाग के रहने वाले संजीव जैन ने कहा कि इसके कारण सरचार्ज व अन्य टैक्स भी अधिक जमा कराना पड़ रहा है व इस प्रणाली के कारण रीडिंग के दोबारा अपलोड होने के बाद भी बिजली के बिलों को ठीक होने में अधिक समय लग रहा है।

बोह गांव में रहने वाली बुजुर्ग महिला गुरमीत कौर भी इस बिजली रिडिंग को लेकर निगम के चक्कर काट रही है। गुरमीत कौर का कहना है कि हर बार बिजली बिल अधिक आने के कारण अधिकारियों के पास चक्कर काटने पड़ रहे है। इस संबंध में एक से अधिक जगह पर घुमाया जा रहा है व इस बिल को ठीक होने के लिए भी पंचकूला भेजने की बात अधिकारी बोल रहे हैं। ऐसा मेरे साथ कई बार हो चुका है लेकिन बिजली बिलों में कोई सुधार नहीं हो रहा है।

बब्याल गांव के सुरिंद्र कुमार का भी बिजली बिलों की नई प्रणाली को लेकर सवाल उठाए है व इस प्रणाली से अभी तक बिजली बिलों में अधिक रीडिंग व अन्य कारणों से अधिक बिल आने पर जेब पर अधिक बोझ पड़ रहा है व बिजली निगम को अधिक भुगतान करना पड़ रहा है व बिजली के बिलों में सुधार होने में अधिक समय लग रहा है। महेश नगर के महेश पांडे का कहना है कि कुछ सालों से ही बिल न मिलना व गलत रीडिंग के बिलों से परेशान हो चुके हैं।

कई बार इस संबध में शिकायत सिनियर अधिकारियों तक की गई है लेकिन बिल वितरण व सही रीडिंग के अनुसार बिल न आने से कई लोग विभाग के चक्कर काट कर परेशान है। वहीं डिफेंस कालोनी के अशोक कुमार का कहना है कि एक तरफ सरकार कम बिजली खप्त का संदेश व बिजली बचाने की बात करती है वहीं बिजली बिल कम आने पर भी एवरेज बिल के अनुसार व न्युनतम बिल की एवज मे अधिक बिल वसुल रही है।


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kamal

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