120 किलोमीटर की दूरी तय कर बहन चामुंडा से मिलने चम्बा पहुंची बैरवाली माता

punjabkesari.in Friday, Apr 19, 2019 - 11:57 AM (IST)

चम्बा : देव परंपरा के लिए हिमाचल को जाना जाता है तो प्रदेश के जिला चम्बा में देवी-देवताओं से जुड़ी ऐसी कई सैंकड़ों वर्ष पुरानी देव परंपराएं मौजूद हैं जोकि लोगों में भक्ति भावना बढ़ाने के साथ-साथ अपनी लोक संस्कृति के साथ लोगों को जोडऩे की दिशा में अहम भूमिका निभा रही हैं। इसी में बैरवाली माता की यात्रा विशेष स्थान रखती है। जिला मुख्यालय से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर चुराह विधानसभा क्षेत्र की देवीकोठी पंचायत के ऐतिहासिक मंदिर देवीकोठी से बैरवाली माता अपनी बहन देवी चामुंडा से मिलने के लिए वीरवार की शाम को चम्बा पहुंच गईं।

वीरवार की शाम को जैसे ही देवी बैरवाली ने मुख्यालय में प्रवेश किया तो सैंकड़ों लोग देवी के दर्शन व स्वागत के लिए इकट्ठा हो गए। नगरवासियों ने देवी व उसके गुरों तथा सेवादारों का गर्मजोशी से स्वागत किया। 2 दिनों के लंबे सफर के बाद माता बैरवाली के चम्बा पहुंचने के साथ ही यह देवी अगले करीब 2 सप्ताह तक जिला मुख्यालय में मौजूद ऐतिहासिक चामुंडा माता मंदिर में अपनी बहन के साथ विराजित रहेंगी। इस देव यात्रा के दौरान पूरा चम्बा नगर बैरवाली माता की आवभगत में लगा रहेगा। देव परंपरा के अनुसार बैरवाली की मुर्ति जोकि देवीकोठी से चम्बा लाई जाती है, को अगले करीब 15 दिनों तक बहन चामुंडा के साथ चामुंडा मंदिर में रखा जाएगा। इस समयावधि के दौरान नगरवासी अपने घरों में बैरवाली माता को आने का निमंत्रण देते हैं जिसके चलते देवी का चिन्ह लोगों के घरों में जाकर उन्हें आशीर्वाद गुरों के माध्यम से देगा।

इस माह के अंत में चम्बा के ऐतिहासिक चामुंडा मंदिर में चामुंडा जातर मेला आयोजित होगा। इस एकदिवसीय मेले के समाप्त होने के दूसरे दिन बैरवाली माता अपने मूल स्थान देवीकोठी के लिए प्रस्थान करेंगी। सदियों से इस देव परंपरा को वैशाख माह में अंजाम दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन दोनों देवी बहनों का आपस में यह मिलन सदियों से होता चला आ रहा है।
 


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kirti

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