कांग्रेस की हठ से नहीं लगी महागठबंधन पर मोहर

punjabkesari.in Friday, Apr 19, 2019 - 11:00 AM (IST)

फरीदाबाद (महावीर): कांग्रेस की हठ के कारण महागठबंधन के रास्ते पूरी तरह बंद हो चुके हैं। हरियाणा में आप और जजपा गठबंधन ने अपने 4 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली हरियाणा व चंडीगढ़ 18 सीटों पर महागठबंधन का प्रस्ताव कांग्रेस के सामने रखा था। लेकिन कांग्रेस ने कई दौर वर्ता के बाद इस गठबंधन से इंकार कर दिया। इस इंकार के पीछे हरियाणा के नेताओं का विरोध काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि दिल्ली में भी कांग्रेस का एक गुट गठबंधन का विरोध कर रहा था। लेकिन दूसरे गुट को इससे परहेज नहीं था। 

आम आदमी पार्टी जननायक जनता दल और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन के माध्यम से दिल्ली हरियाणा और चंडीगढ़ में चुनाव लडऩा चाहती थी। इन 18 लोकसभा सीटों में सें आम आदमी पार्टी मात्र पांच सीटे मांगी थी। इनमें 4 सीटे दिल्ली एक सीट हरियाणा की थी। लेकिन लंबी वर्ता के बावजूद कांग्रेस गठबंधन को लेकर गंभीर नजर नहीं आई। इस महागठबंधन के सारे रास्ते बंद हो गए। माना जा रहा था कि बुधवार को कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच लंबी मंत्रणा के बाद तैयार फार्मूेले पर राहुल गांधी चर्चा के बाद महागठबंधन का प्रारूप तैयार किया जाएगा लेकिन वीरवार को जजपा व आप गठबंधन द्वारा चार लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा के साथ गठबंधन के सारे रास्ते बंद हो गए।

अहम रहा प्रदेश नेताओं का विरोध 
इस महागठबंधन को सिरे नहीं चढऩे देने के पीछे कांग्रेस के प्रदेशस्तरीय नेताओं का काफी अहम योगदान रहा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर व कैथल के विधायक रणदीप सुर्जेवाला इस गठबंधन के खिलाफ थे। इन सभी नेताओं ने गुलाम नवी आजाद और अहमद पटेल को हरियाणा में गठबंधन न करने का आग्रह किया। जिसके बाद गठबंधन की संभावना समाप्त हो गई थी। सुर्जेवाला जहां जींद की हार का कारण इस गठबंधन को मानते हुए उनसे नाराज है वहीं हुड्डा व तंवर विधानसभा चुनाव के लिए टिकटों का बंटवारा करने में मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। 
सभी सीटें हारेगी कांग्रेस : जयहिंद 
आम आदमी पार्टी के प्रदेशध्यक्ष नवीन जयहिंद का कहना है कि कांग्रेस ने अपनी जिद और स्वार्थ के कारण इस गठबंधन को सिरे नहीं चढऩे दिया। कांग्रेस की स्थिति हरियाणा में अत्यधिक खराब है। उसके बावजूद कांग्रेस के नेता अंहकार से भरे हुए हैं। यदि यह महागठबंधन हो जाता तो 18 सीटों पर यह गठबंधन भाजपा पर भारी पड़ता। लेकिन कांग्रेस अपनी जिद के कारण अब कोई सीट नहीं जीत पाएगी। जयहिंद ने यह भी कहा कि हरियाणा के नेताओं ने कांग्रेस हाईकमान को अंधेरे में रखकर गठबंधन की गलत तस्वीर पेश की।   


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Shivam

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