गृहिणी को बीमार कर सकते हैं घर से जुड़े ये वास्तुदोष!

punjabkesari.in Tuesday, Apr 16, 2019 - 03:08 PM (IST)

दक्षिण दिशा को वास्तु शास्त्र में बेहद अशुभ माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में पैर करके सोने, मुख्य द्वार बनवाने या घर का कोई काम करना शुभ नहीं होता है। वास्तु विज्ञान के अनुसार इस दिशा के स्वामी यमराज माने जाते हैं। यही कारण है कि इसे संकट का द्वार भी कहा जाता है। चलिए आपको बताते हैं दक्षिण दिशा से जुड़े कुछ ऐसे वास्तु टिप्स, जिन्हें ध्यान में रखकर आप घर की सुख-समृद्धि बनाए रख सकते हैं।

यम का निवास

चूंकि दक्षिण दिशा में यम का निवास होता है इसलिए घर बनवाते समय इस जगह का कुछ हिस्सा छोड़ देना चाहिए। साथ ही इस दिशा से घर की दीवार भी ऊंची होनी चाहिए।

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होते हैं ये फायदे

-अगर आपका घर दक्षिणमुखी यानि मेन गेट इस दिशा में है तो उसका कुछ भाग छोड़ा ऊंचा रखे। इससे परिवार के सदस्यों में प्यार बढ़ेगा और घर में सुख शांति आएगी।
-दक्षिणमुखी घर के सभी कमरों के दरवाजे भी इसी दिशा में होने चाहिए। इससे घर में संपन्नता आती है।
-इस दिशा में बने कमरे को थोड़ा ऊंचा बनवाए। इससे घर का ऐश्वर्य बढ़ेगा और अगर वो कमरा पति-पत्नी का है तो उनके बीच प्यार बढ़ेगा। 
-दक्षिण दिशा के घर में पानी प्रवाहित होने के दिशा उत्तर होनी चाहिए। इससे घर की महिलाओं का स्वास्थ्य ठीक रहता है।

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बुरे परिणाम

-दक्षिणमुखी भवन में खाली जगह, बरामदे, घर के सभी कमरे आदि का भाग नीचा होने से घर में रहने वाली महिलाएं बीमार रहती हैं।
-अगर इस दिशा में कुआं या फाउंटेन हो तो घर में धन हानि होती रही हैं। ऐसे में इस दिशा में कुआं या फाउंटेन ना बनवाए।

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क्या करें?

-अगर घर का मेन गेट दक्षिण दिशा की तरफ है तो उसके ठीक सामने एक मिरर इस तरह लगाएं कि घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा प्रतिबिंब दर्पण में दिखे।
-घर में किसी भी तरह के वास्तुदोष को दूर करने के लिए दक्षिण दिशा में लाल रंग कर दें।
-दक्षिणी दीवार पर शीशा लगवाएं, ताकि नकारात्मक ऊर्जा उससे टकराकर वापिस हो जाए।
-वास्तु दोष दूर करने के लिए इस दिशा में खुशबूदार फूलों का गुलदस्ता रखें।


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Content Writer

Anjali Rajput

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