आदर्श ग्राम योजना : शुरू होने से पहले ही दम तोड़ गए कई प्रोजैक्ट, प्रबंधक भी नहीं करवा सका पूरे काम
punjabkesari.in Thursday, Mar 21, 2019 - 08:29 AM (IST)
गुरदासपुर(हरमनप्रीत): आदर्श ग्राम योजना के तहत संसद सदस्यों द्वारा गोद लिए गए अधिकतर गांवों की हालत बद से बदतर बनी हुई है। ऐसे ही गांवों में शुमार लोकसभा हलका गुरदासपुर में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर इस हलके से चौथी बार सांसद बनने वाले फिल्मी सितारे विनोद खन्ना द्वारा गोद लिया गांव तालिबपुर पंडोरी भी अपने हालात पर आंसू बहा रहा है। गांव के विकास की वास्तविक कहानी यह है कि पहले तो गांव के विकास के लिए बने प्रोजैक्ट्स सियासत की भेंट चढ़ गए और बाद में विनोद खन्ना की मौत होने से उपचुनाव के दौरान नए चुने गए सांसद सुनील जाखड़ ने गांव की ओर मुड़कर नहीं देखा। इस कारण अभी भी यह गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
सेहत सुविधाएं
गांव में एक सेहत केंद्र चल रहा है जबकि इलाका निवासी लंबे समय से यहां प्राइमरी हैल्थ सैंटर बनाने की मांग कर रहे हैं जो विनोद खन्ना द्वारा गांव को गोद लिए जाने के बावजूद पूरी नहीं हो सकी। यहां एक आयुर्वैदिक डिस्पैंसरी भी है, मगर लोगों का रुझान उस ओर नहीं है।
कौन से विकास कार्य शामिल थे प्रोजैक्ट में
विनोद खन्ना द्वारा इस गांव को गोद लेने के बाद गांव के विकास के लिए संबंधित विभागों ने घर-घर जाकर सर्वे किया था जिसके तहत पंचायत और लोगों द्वारा की गई मांगों के आधार पर नीचे लिखे मुख्य काम करवाने की मांग की गई थी।
-गांव में सब-सैंटर को प्राइमरी हैल्थ सैंटर बनाना
-गांव में पटवारखाने का निर्माण
-पंचायत घर बनाना
-3 आंगनबाड़ी सैंटरों की इमारत का निर्माण
-आऊटडोर स्टेडियम बनाना
-इंडोर स्टेडियम बनाना
-श्मशानघाट का नवीनीकरण करके फर्श, शैड, चारदीवारी के काम करवाना।
-गांव में लाइब्रेरी खुलवानी
-सीवरेज सिस्टम की सुविधा की प्रणाली
-गांव की फिरनी रूपी सड़क को पक्का करना
-स्ट्रीट लाइटें
कौन से काम हुए
इस गांव के विकास के लिए तैयार किए गए प्लान में से विनोद खन्ना सिर्फ कुछ काम ही करवा सके जिसमें से मुख्य तौर पर गांव में पंचायत घर, 1.60 किलोमीटर लंबी सड़क, श्मशानघाट की चारदीवारी व फर्श आदि, सोलर लाइटें, 2 आंगनबाड़ी सैंटरों की इमारतों का निर्माण शामिल है जबकि शेष कार्य या तो शुरू ही नहीं हुए या फिर अधर में लटक गए।
कब कितनी और किस काम के लिए ग्रांट जारी
मई 2014 | 3 लाख | सोलर लाइटें |
दिसम्बर 2015 | 27 लाख | सड़क के लिए |
मई 2016 | 10 लाख | श्मशानघाट |
जनवरी 2016 | 6.81 लाख | आंगनबाड़ी |
दिसम्बर 2016 | 3.70 लाख | आंगनबाड़ी सैंटर |
दिसम्बर 2016 | 12.50 लाख | पंचायत घर के लिए |
विकास कार्यों के लिए लगाना पड़ा प्रबंधक
विनोद खन्ना द्वारा इस गांव को गोद लिए जाते समय गांव में कुल 7 पंचायत सदस्य थे, जिनमें से 4 का समर्थन भाजपा के सरपंच रविंदर महाजन के साथ था मगर गांव को गोद लिए जाने के शीघ्र बाद ही विरोधी पक्ष द्वारा एक पंच को अपने साथ मिला लिए जाने से सरपंच का कोरम टूट गया तथा गांव में प्रबंधक लगने से नया झमेला शुरू हो चुका है। रविंदर महाजन ने बताया कि इस झमेले के कारण विनोद खन्ना भी निराश हो गए क्योंकि इस अड़चन से कई काम अधर में लटक गए।
सियासत की भेंट चढ़ा विकास: रविंदर महाजन
उस समय के सरपंच रविंदर महाजन ने कहा कि विनोद खन्ना इस गांव का कायाकल्प करना चाहते थे, मगर गांव का विकास कुछ व्यक्तियों की राजनीति की भेंट चढ़ गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में गांव की गलियों में सोलर लाइटें भी नहीं जलतीं और न ही सफाई तथा सीवरेज जैसी सुविधा है।
सिर्फ एक गांव के विकास में विश्वास नहीं : जाखड़
गांव तालिबपुर पंडोरी का विकास न होने संबंधी जब इस क्षेत्र के लोकसभा सदस्य सुनील जाखड़ से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह सिर्फ किसी एक गांव का विकास करवाने में विश्वास नहीं रखते क्योंकि उन्होंने हमेशा सभी गांवों, शहरों तथा कस्बों का सर्वपक्षीय विकास करवाने के लिए प्रयत्न किया है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के करीब डेढ़ वर्ष के कम समय के दौरान ही उन्होंने इस समूचे क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च किए हैं जिसकी बदौलत इस इलाके के लोगों की वे मुश्किलें हल होंगी, जो पिछले कई सालों से लटकी हुई थीं।
क्या कहना है मौजूदा सरपंच का
सरपंच अशोक कुमार ने कहा कि विनोद खन्ना ने गांव में कुछ भी ऐसा नहीं किया,जिससे इस गांव की कायाकल्प हो सके। अब कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी ने इस गांव के विकास के लिए 2 लाख रुपए की ग्रांट जारी की है।
गांव को चुने जाने की ये थीं शर्तें
-गांव की आबादी 3000 के करीब होनी चाहिए।
-गांव की अपनी महत्ता एवं ऐतिहासिकता
कुल वोटर | 3,704 |
पुरुष | 1,903 |
महिला | 1,801 |
आबादी करीब | 5,000 |