चुनावी माहौल में ‘चौकीदार’ शब्द बना चर्चा विषय (VIDEO)

punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2019 - 12:46 PM (IST)

करनाल (केसीआर्य): देश में चौकीदार शब्द चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का कहना है कि वह देश के चौकीदार हैं और चौकीदारी के तरह काम करते है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस समेत विपक्षी राजनितिक पार्टियों का कहना है कि चौकीदार चोर है। विपक्ष भाजपा पर निशाना साधते हुए चौकीदार चोर के नारे लगा रहे हैं तो वही सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने ‘मैं भी चोकीदार’ हूं और इस कड़ी में कर नेता नाम के आगे चौकीदार लिख रहा है।

PunjabKesari, Chokidar, topic, election, lok sabha

लेकिन चुनावी माहौल से ऊपर उठ कर अगर देखा जाए तो चौकीदारी करने वाले चौकीदारों का दर्द हकीकत में कुछ ओर ही बयां करता है। सीएम सिटी करनाल के चौकीदारों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके परिवार व उनके बच्चो की जरूरत उनके सुख-चैन नींद से ज्यादा मायने रखती है। रात भर 12 घंटे से ज्यादा जागकर चोकिदारी करने के बावजूद भी इन्हें ना ही इज्जत मिलती है ओर ना ही मान- सम्मान मिलता है। इन सबके बावजूद अगर कहीं कोई चोर आगया या फिर कुछ इनसे गलती हो जाए तो मालिक की गालिया सुनना इनके लिए लाजमी है। कुछ दुसरे प्रदेश के है तो कुछ गरीबी के चलते घर के गुजारे के लिए यह काम करने को मजबूर है।

PunjabKesari, Chokidar, topic, election, lok sabha

राम बहादुर का कहना है की 20 साल से ज्यादा समय से नेहरु पेलस एरिया में चोकिदारी कर रहा है। नेपाल में 4 बच्चे पूरा परिवार रहता है वहां रोजगार नहीं था तो यहां आ गया लेकिन यहां आकर काम तो मिला लेकिन इज्जत नहीं मिली सारी- सारी रात जागना पड़ता है मच्छरों में बैठने पड़ता है मौसम जैसा भी हो ड्यूटी देनी पड़ती है। लेकिन उसके बावजूद भी पैसे पुरे नहीं मिलते मार्किट में कुछ दुकान वाले पैसे देते तो कुछ नहीं देते गलती किसी और की हो तो भी सुनने को उन्हें मिलता है।

PunjabKesari, Chokidar, topic, election, lok sabha

वहीं कृष्ण बहादुर का कहना है 15 साल से ज्यादा चौकीदारी करते हुए हो गए है वह नेहरु मार्किट के एरिया में पहरा देते है गाँव से आया था ताकि पैसे कमाकर अपने बच्चो का पेट पाल सकें लेकिन पैसों तो मिल जाते है कुछ लेकिन इज्जत नहीं मिलती सारी रात जागकर काम करना ध्यान रखना अपने इलाके का घंटे बाद चक्कर काटना नींद आए तो बच्चो की भूख उनकी जरूरत के बारे में सोच लेना यह सब हमारा काम है लेकिन वहीं नेता की बात करे तो उन्हें अपने आप से मतलब है सिर्फ, कोई चौकीदार नहीं है असली चोकीदार तो वह हैं जो अपनी नींद को त्याग कर काम कर रहे है ना ठंड ना गर्मी का पता मच्छर के बीच बैठकर ड्यूटी देते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Deepak Paul

Recommended News

Related News

static