रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत, निर्यात रिकॉर्ड लेवल पर

Wednesday, Apr 03, 2024 - 02:26 PM (IST)

पिछले कुछ वर्षों में देश के रक्षा निर्यात में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। जो देश को रक्षा सेक्टर में अत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि  देश का रक्षा निर्यात पहली बार 21 हजार करोड़ रुपये के पार कर गया है। इसके साथ ही अपना देश रक्षा मामलों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक पड़ाव को हासिल कर लिया है। 

निर्यात वृद्धि में योगदान:-
भारत के रक्षा निर्यात की इस शानदार वृद्धि में निजी क्षेत्र और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (डीपीएसयू) दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रभावशाली निर्यात आंकड़ों में निजी क्षेत्र और डीपीएसयू ने क्रमशः 60% और 40% का योगदान दिया है।

तीव्र विस्तार एवं उपलब्धियां:-
भारत के रक्षा निर्यात में तेजी से वृद्धि का उदाहरण 2013-14 में 686 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 21,083 करोड़ रुपये हो गया है। यह उल्लेखनीय उछाल पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 32.5% की "शानदार वृद्धि" को दर्शाता है।

वैश्विक अनुसंधान और भागीदारी:-
भारत का रक्षा निर्यात 85 से अधिक देशों तक फैला हुआ है, जो देश की व्यापक वैश्विक पहुंच और रणनीतिक साझेदारी को प्रदर्शित करता है। प्रमुख निर्यात स्थलों में इटली, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इज़राइल और कई अन्य शामिल हैं। 

भविष्य के लक्ष्य एवं आकांक्षाएं:-
2024-25 तक वार्षिक रक्षा निर्यात में 35,000 करोड़ रुपये हासिल करने का भारत का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। सरकार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2028-2029 तक निर्यात बिक्री को 50,000 करोड़ रुपये और वार्षिक रक्षा उत्पादन को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंचाना है। ये लक्ष्य वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरने के भारत के दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।

(अक्षय कपूर, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ, भाजपा)
 

Jyotsna Rawat

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