बच्चों को प्रकृति के साथ जोड़े रखने के खास उपाय (pics)
punjabkesari.in Friday, Jan 01, 2016 - 05:30 PM (IST)

अगर अाप अपने बच्चों को प्रकृति के साथ भी जोड़ना चाहते है तो अापको बच्चें बनकर उनके साथ समय बीताना चाहिए। पर प्रकृति के साथ पलना-बढ़ना शायद बीते जमाने की बात हो चुकी है, पर इन बातों का ध्यान रख कर बच्चों को प्रकृति के करीब ला सकते हैं। जानें कैसे बच्चों को प्रकृति के साथ जीना सिखाएं...
-बच्चें को प्रकृति के करीब लाए
अाजकल इतने ज्यादा स्मार्टफोन हो गए है कि हर बच्चे के हाथ में देखने को मिलता है। यहां तक कि बच्चों ने इस फोन को ही अपना बेस्ट फ्रैंड बना लिया है जो कि उनके सेहत अौर दिमाग पर गहरा असर डालते है। इस तरह बच्चे प्रकृति से दूर जा रहे हैं। इसे में समय से पहले ही अापके बच्चों में कई तरह की बीमारी देखी जा सकती है। एेसे में अापके चाहिए कि अाप अापने बच्चें को प्रकृति के करीब लाए ताकि वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
-सुबह-शाम वॉक पर जाए
अापको अपने बच्चों के साथ सुबह और शाम वॉक पर जाना चाहिए। वॉक करने के लिए अापको पार्क में जाना चाहिए यहां पर सड़क के किनारे पेड़ लगे हो। यह सुबह की वॉक के लिए बेहतर होगा क्योकि इनसे हमें स्वच्छ ऑक्सीजन मिलती है अौर यह प्रकृति के करीब ले जाते है।
-सुकुन मिलने वाली जगहों पर जाए
आपने बच्चों को एेसी जगह पर लेकर जाएं जहां पर उनहें सुकुन मिलें जैसे कि हरियाली ले भरें खेत अादि। खेतों की हरियाली देखने से आंखों और दिमाग को बहुत सुकुन मिलता है। बच्चों को एेसे फार्म में ले जाएं जहां पर बच्चों को भी प्रकृति की अहमियत पता चल पाए।
-सूखे पत्तों पर कूदें
बच्चों को खुश करने के लिए आपको चाहिए कि अाप भी उनके साथ बच्चें बन कर झड़े हुए पत्तों को इकठा करके उन पर कूदें। बच्चों को इन पत्तों को इस गट्ठा कर के कूदने और आपका ये नया रुप दोनों ही अच्छे लगेगे।
-पिकनिक पर ले जाएं
अपने बच्चों को पिकनिक पर लेकर जाएं। वहां पर कोशिश करें कि बच्चें अपने फोन पर विडियोगेम खालना छोड़कर गुल्ली डंडा खेले। यह उनके लिए नर्इ गेम होगी अौर एेसा करना से कुछ समय के लिए बच्चें प्रकृति का अानंद भी मान पाएगे।
-रात के समय तारे गिनना
मौसम का बदलाव रात के अंधेरे में भी बदलाव लाता है। गर्मी की रात, सर्दी की रातों से अलग होती हैं। सर्दी की रातों में आसमान साफ नजर आता है। बच्चों को आकाश में रात में आ रहे बदलावों के बारे में बताए और साथ ही रात को छत पर जाकर इसका प्रेक्टिकल भी कर के दिखाएं।