नार्मल डिलिवरी करवाने के लिए प्रेगनेंसी के वक्त ध्यान में रखें ये बातें (pics)

Friday, Apr 01, 2016 - 11:20 AM (IST)

हर महिला चाहती है कि उसका बच्चा स्वस्थ पैदा हो। इसके लिए उन्हें बहुत सी बातों को ध्यान में रखने चाहिएं। हर मां को पता होना चाहिए कि नार्मल डिलिवरी अौर सिजेरियन डिलिवरी में क्या अंतर है। अगर किसी महिला की सिजेरियन डिलिवरी होती है तो उसे बाद मेें बहुत सी बातों को ध्यान में रखना पड़ता है। जैसे कि खान-पान, कामकाज। अगर वह अपना ख्याल नहीं रखती तो उनके स्‍ट्रैच मार्क्‍स पड़ सकते है अौर अापके लिए खतरा भी बन सकता है।

 

पर नार्मल डिलिवरी में एेसा नहीं होता है। इसमें महिला को एेसी कोई भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। नार्मल डिलिवरी में मां और बच्चा दोनों ही मानसिक अौर शरीरक तोर पर स्वस्थ रहते है। इसलिए ज्यादातर महिलाएं नार्मल डिलिवरी करवाना ही पसंद करती हैं। पर नार्मल डिलिवरी तभी संभव होती है जब महिला गर्भावस्था में इन बातों को ध्यान मे रखती है। तो आइए जानते हैं ये बातें...

 

- स्वास्थ्य का ध्यान 

जब महिला कमजोर हो जा फिर उसमें खून की कमी हो तो बच्चे को जन्म देते समय उसे बहुत पीड़ा होती है। इसलिए हर महिला अपने खान-पान अौर स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान रखें। 

 

- भोजन

गर्भवती महिला को डॉक्‍टर के अनुसार दिए गए फ़ूड चैट के हिसाब से ही भोजन करना चाहिएं क्योंकि जब महिला की नार्मल डिलिवरी होती है तो उस समय शरीर में से 300-400 ML ब्लड जाता है। एेसे में महिला को जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा आयरन और कैल्शियम वाले अाहार ही लेने चाहिएं।

 

- शरीर में पानी 

महिला को गर्भावस्था में हर रोज 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिएं क्योंकि एेसी स्थिती में बच्चा गर्भाशय में एक तरल पदार्थ सेभरी हुई झोली में रहता है। इस झील में एमनियोटिक फ्लयूड होता है, जिससे आपके बच्चे को गर्भा में ऊर्जा मिलती है।

 

- गर्भावस्था में महिला पैदल चलें 

वैसे तो सभी कहते है कि गर्भावस्था में महिला को अाराम करना जरूरू होता है, पर अगर ऐसे में वह ज्यादातर पैदल चले तो यह बच्चे अौर मां दोनों के लिए अच्छा होता है। अगर महिला बाजार जाना चाहती है तो वह पैदल चल कर ही जाएं ताकि उसका स्वास्थ्य अच्छा रहें। 

 

- व्यायाम

अगर महिला प्रेगनेंसी से पहले हर रोज या फिर गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करती है तो एेसे में उसकी डिलिवरी नार्मल होने के ज्यादा अासार होते है। व्यायाम करने से महिला की मांसपेशियां मजबूत होती है, जिसके कारण उसे बच्चे को गर्व में रखने में कोई दिक्कत नहीं अाती। एेसा करने से अापका बच्चा भी स्वस्थ पैदा होगा।

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