शिशु की इन आदतों से जानें इनके रोने का कारण (pics)

punjabkesari.in Monday, Jan 18, 2016 - 03:15 PM (IST)

छोटे बच्चे अपनी मां की गोद में खुद को सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करते है, इसीलिए मां को छोटे बच्चें का पालन-पोषण सही ढंग से करना चाहिए। जब बच्चा छोटा होता है तो उसकी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। जैसे कि दूध पिलाने, उसे नहलाने, मालिश और उसकी नैपी बदलते समय काफी सावधानी बरतनी पड़ती है ताकि आपका बच्चा हमेशा स्वस्थ और हंसता-खिलखिलाता रहे। एेसे में बच्चें रो कर अपनी इन बातों को अपनी मां को बताते है। तो अाइए अाज हम शिशु की इन आदतों को जानते है।

 

1. बच्चे का रोना

आमतौर पर जब भी बच्चे को भूख लगती है, उसकी नैपी गीली होती है, जब वह कोई नया चेहरा देखता है, जब कोई नई आवाज सुनता है, जब उसे बड़ों द्वारा गोद में उठाए जाना पसंद नहीं आता या फिर उसे कोई भी बात पसंद नही होती है तो वह रो कर ही अपना विरोध प्रदर्शित करता है। कभी-कभी बच्चे थकान की वजह से भी वह रोते हैं। कभी-कभी बच्चा आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए भी बार-बार रोते हैं।

 

2. जागने के बाद रोना

जब आपका बच्चा जागने के बाद रोने लगे तो सबसे पहले आप उसकी नैपी चेक करें कि कहीं वह गीलेपन की वजह से तो नहीं रो रहा। कभी-कभी गर्दन से पसीना अा जाए तो भी बच्चा रोने लग जाता है।

 

3. नैपी बदलना 

छोटे बच्चे बहुत जल्दी-जल्दी नैपी गीला करते हैं, इसलिए हर-एक घंटे के बाद बच्चे की नैपी को चेक करके जरूर बदलना चाहिए। बच्चे को नैपी रैशेज से बचाने के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है। नैपी बदलने से पहले आप साफ नैपी, कॉटन वूल और बैरियर क्रीम ये सारी जरूरी चीजें बच्चे के पास रख लें, उसके बाद ही बच्चे की नैपी बदलें।

 

4. मालिश

बेबी ऑयल से बच्चे के शरीर की मालिश करने से पोषण मिलता है अौर उसके शरीर की कसरत भी होती है। रोजाना बच्चे को नहलाने से पहले उसकी मालिश जरूर करनी चाहिए। मालिश की शुरुआत हमेशा बच्चे के पैरों से करें। बच्चे की मालिश करने का सबसे सही तरीका यह है कि आप जिस कमरे में बच्चे की मालिश करने जा रही हैं, उसकी खिड़कियां और दरवाजे अच्छी तरह बंद कर दें ताकि बाहर की हवा से बच्चे को ठंड न लगे।

 

5. नहलाने का सामान                 

बच्चे को नहलाने के लिए पहले उसके नहाने का सारा जरूरी सामान जैसे बेबी सोप, शैंपू, तौलिया, बच्चे के कपड़े और बाथ टब को एक जगह रख लें अौर फिर बच्चे को नहलाना शुरू करें। बच्चें को हमाेशा गुनगुने पानी सो ही नहलाएं।


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