बच्चों को फिजूलखर्ची की बजाय सिखाए बचत करना

punjabkesari.in Sunday, Dec 13, 2015 - 03:45 PM (IST)

आज के दौर में महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ गर्इ है कि परिवार का गुजारा बहुत मुश्किल से चलता है। बच्चों के लिए छोटी-मोटी चीजें खरीदना तो माँ-बाप के वश में रहता है परंतु जब बच्चों की जिद महंगी होती जाती है। ऐसे में बच्चों की हर जिद पूरी करना तो बेहद ही मुश्किल होता है। 

अगर आप बच्चे की हर जिद को पूरी करोगे तो बच्चा कभी बचत करना नहीं सीख पाएगा और कभी वह पैसे का मोल नहीं समझ पाएगा। मां-बाप को चाहिए कि वो बच्चों को फिजूलखर्ची की बजाय बचत करने के लिए प्रोत्साहित करें, जो बच्चे के बचपने को संवारने के साथ-साथ उनके भविष्य को भी संवारेगी। 

बच्चों की आदत नहीं बिगाड़ें

* जब बच्चे चाकलेट, खिलौने आदि के लिए जिद करते है तो कितना रुपया फिजूल खर्च होता है। कभी-कभी तक तो ठीक है लेकिन जब यह बच्चों की रोज की जिद बन जाती है, तब यह आपके लिए नुकसानदेह हो जाती है।

* आपने बच्चों को मनाने के लिए हर रोज कुछ न कुछ खरीदकर लाने की आदत आगे चलकर बच्चों की बुरी आदत बनकर आपके लिए ही नुकसानदेह सिद्ध होती है। 

* यदि आप बच्चों को बचत करना व निर्धारित रुपयों में अपने लिए कोई चीज खरीदना सीखाएंगे तो वह आपके बच्चों के भविष्य के लिए बहुत फायदेमंद होगा। 

बड़े काम की गुल्लक

* आजकल बाजार में मिट्टी की, लोहे की व प्लास्टिक आदि की गुल्लक तरह-तरह के आकार में मिलती है। बच्चे इससे खेल भी सकते हैं व इसमें रुपए जमा कर बचत करना भी सीख सकते हैं। 

* यदि आप बच्चों को गुल्लक लाकर पैसे बचत करने पर उनकी पंसदीदा चीज खरीदकर लाने का लालच देंगे तो बच्चे बड़े ही शौक व उत्साह से गुल्लक में पैसे डालेंगे। 

* एेसा करने से जहां हर दो-‍तीन दिन में बच्चों के खिलौनों के रूप में आपकी जेब से होने वाली फिजूलखर्ची पर अंकुश लगेगा, वहीं बच्चा बचत का महत्व भी समझेगा। क्योंकि बच्चों को गुल्लक बड़ी अच्छी लगती है। 


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