बच्चे को cold and cough की दवा देते समय बरतें ये सावधानियां
punjabkesari.in Saturday, Dec 12, 2015 - 12:50 PM (IST)

सर्दी का मौसम वैसे तो बड़ा ही सुहावना होता है लेकिन इसी के साथ मौसम में होने वाले बदलावों के कारण वातावरण में मौजूद वायरस भी काफी तेजी से सक्रिय हो जाते हैं जो सर्दी-जुकाम और कफ को न्यौता देते हैं।
अक्सर लोग जुकाम को साधारण-सी बीमारी जानकर लापरवाही बरत देते हैं जो बाद में परेशानी का सबक बनती है। जुकाम की शुरुआत नाक से होती है लेकिन बाद में धीरे-धीरे इसका असर पूरे शरीर में होने लगता है। खांसी, बदन दर्द सब इसके बाद ही शुरू होते हैं। वहीं बड़ों के मुकाबले बच्चे सर्दी-जुकाम की चपेट में जल्दी आ जाते हैं क्योंकि बच्चों का इयून सिस्टम कमजोर होता है। उनका शरीर वातावरण में होने वाले तेज बदलावों को झेल नहीं पाता, जिससे सर्दी-गर्मी का असर सर्दी-जुकाम जैसी बीमारी से ग्रसत हो जाता है।
वैसे तो सर्दी-खांसी और कफ से छुटकारा पाने के लिए देसी नुस्खे काफी कारगर साबित होते हैं, जैसे तुलसी या अदरक की चाय, अदरक के रस में शहद की 2- 3 बूंदें मिलाकर लेने से सर्दी-जुकाम से राहत मिलती है लेकिन बच्चे इसे लेने से कतराते हैं। वहीं, काम में व्यस्तता और फटाफट से ठीक होने की चाह में लोग बच्चों को घरेलू नुस्खों की बजाय मैडीकल शॉप से मिलने वाले लिक्विड सिरप ज्यादा देते हैं ताकि वह जल्दी ठीक हो जाए लेकिन दवाओं का गलत इस्तेमाल ठीक करने की बजाय उनकी सेहत को बिगाड़ भी सकता है। इन सिरप दवाइयों का चुनाव बड़ी ही बुद्धिमता के साथ करना चाहिए और इसका सेवन करते समय बहुत सारी सावधानियां बरतने की जरूरत होती है।
काम में बिजी होने की वजह या लापरवाही के चलते अक्सर हम दवाई देते समय कुछ जरूरी बातों की तरफ ध्यान देना भूल जाते हैं। चलिए, आपको बताते हैं कि बच्चों को कफ एंड कोल्ड की दवा देेते समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं:-
क्या करें:-
1. जल्दबाजी में अक्सर सबसे बड़ी गलती जो हमसे होती है वह दवा की एक्सपायरी डेट न पढऩा। जी हां, सबसे पहले ओवर-द-काऊंटर पर मिलने वाली इस तरह की दवाइयों का लेबल जरूर पढ़ें।
2. सभी खुराक निर्देशों का सावधानी के साथ पालन करें। अगर 4 घंटे के बाद ही अगली डोका का निर्देश दिया गया है तो ऐसा ही करें।
3. बच्चे की उम्र के हिसाब से ही उसे दवा दें। इसी के साथ जो लक्षण आपको बच्चे में दिखाई दे रहे हैं उसके उपचार हेतु ही दवा दें। इसके अतिरिक्त दवाएं बिल्कुल भी न दें। दवाई की बोतल के पीछे यह सारी जानकारी दी जाती है इसलिए पहले दिए गए निर्देशों के बारे में अच्छी तरह जान लें।
4. दवा की खुराक देने के लिए कप या किसी चमच का ही इस्तेमाल करें जोकि दवा के साथ ही मिलते हैं क्योंकि दवा की मात्रा ज्यादा देने पर बच्चे को जरूरत से ज्यादा नींद आएगी।
5. अगर बच्चे को दवा की 2 खुराक देने के बाद भी कोई फर्क न पड़े तो डॉक्टर से चैकअप जरूर करवाएं।
6. एक ही समय में बच्चे को सक्रिय संघटक वाली दो दवाएं एक साथ न दें।
7. 20 साल से छोटी उम्र के बच्चों को एस्पिरिन या एस्पिरिन युक्त उत्पाद नहीं देना चाहिए। न ही उन्हें नींद लाने के लिए एंटीथिस्टेमाइंस युक्त दवाएं दें।