बच्चों को होने वाली इस बीमारी को जानें और पहचानेें (PICS)

Sunday, Jan 03, 2016 - 02:25 PM (IST)

क्या आपका बच्चा आपकी आवाज सुनकर या चेहरे के हाव-भाव देखकर किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं देता हैं? वह दूसरे बच्चों की तुलना में कम बोलता हैं या आपकी बात का जवाब सही से नहीं दे पाता। अगर ऐसा है तो ये लक्षण ऑटिज्म के हो सकते हैं। 

*ऑटिज्म क्या है?

ऑटिज्म एक तरह की मानसिक बीमारी है। इसके लक्षण बचपन से ही नजर आने लग जाते हैं। यह जन्म से लेकर 3 साल की आयु तक विकसित होने वाला ऐसा रोग है, जिससे बच्चे का मानसिक विकास रुक जाता है। ऑटिज्म पीड़ित बच्चे का विकास सामान्य बच्चे की तुलना में बहुत ही धीमी गति से होता है। वह अन्य लोगों से खुलकर बात नहीं कर पाते। किसी भी बात में प्रतिक्रिया देने में काफी समय लेते हैं। इस बीमारी से पीड़ित कई बच्चों को बहुत ज्यादा डर लगता है। 

*ऑटिज्म होने के कारण

ऑटिज्म होने के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो ऑटिज्म होने की वजह सैंट्रल नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचने, मस्तिष्क की गतिविधियों का आसामान्य होने, गर्भवती महिला का खान- पान सही न होना, प्रैग्नेंसी में तनाव लेना हो सकता है।

*ऑटिज्म का इलाज

ऑटिज्म एक आजीवन रहने वाली अवस्था है, जिसके पूर्ण इलाज़ के लिए पूरी जानकारी जुटाए और मनोचिकित्सक से संपर्क करें। जल्द से जल्द ऑटिज्म की शीघ्र पहचान करके मनोरोग के विशेषज्ञ से तुंरत सलाह लेना ही इसका सबसे पहला इलाज है। 

*कैसे करें ऑटिज्म की पहचान?

सामान्य और ऑटिस्टिक बच्चों में कुछ प्रमुख अंतर होते हैं जिसके आधार पर इस अवस्था को पहचाना जा सकता है। हम आपको कुछ ऐसे ही लक्षण बताएंगे, जिसके देखते हुए आप इस बीमारी की पहचान कर सकते हैं।

- बच्चे सामान्य तौर पर अपने पैरेेंट्स या आस-पास के मौजूद लोगों का चेहरा देखकर प्रतिक्रिया देते हैं लेकिन ऑटिज्म पीड़ित बच्चा नजर मिलाने से कतराता है। उसे अलग सी हिचकिचाहट महसूस होती है।

- ऐसे बच्चे अपने आप में ही गुम रहते हैं। वह किसी एक चीज में ही खोए रहते हैं।

- अगर बच्चा 9 माह का होने के बावजूद न तो मुस्कुराता है और न ही किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया देता हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है।

- बच्चे आवाज सुनने के बाद खुश होते हैं या उस तरह ध्यान देते हैं लेकिन ऑटिस्टिक बच्चा आवाज पर कोई ध्यान नहीं देता।

- सामान्य बच्चों के मुकाबले उसे धीरे-धीरे भाषा का ज्ञान होता है। वह बोलते- बोलते अचानक ही बोलना बंद कर देते हैं और अजीब आवाजें निकालना शुरू कर देते हैं। 

- वह कोई भी काल्पनिक खेल नहीं खेल पाते बल्कि खिलौनों को सूंघने या चाटने लग जाते हैं। वह सुस्त से रहते हैं। 

- ऑटिस्टिक बच्चे में खास बातें होती हैं। उनकी एक इन्द्री का अति तीव्रता से काम करती है। जैसे-उनमें सुनने की शक्ति ज्यादा होना।

*क्या ऑटिज्म बच्चा ठीक हो सकता है?

ऑटिज्म एक प्रकार की विकास संबंधी बीमारी है, जिसे पूरी तरह से तो ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन सही प्रशिक्षण और परामर्श की मदद से रोगी को बहुत कुछ सिखाया जा सकता है ताकि वह रोजमर्रा के काम खुद कर सकें। 

*कैसे करें ऑटिस्टिक बच्चे की मदद

- ऐसे बच्चे धीरे-धीरे बात को समझते हैं। पहले उन्हें समझाएं, फिर बोलना सिखाएं।खेल-खेल में उन्हें नए शब्द सिखाएं। छोटे-छोटे वाक्यों में बात करें। 

-खिलौनों के साथ खेलने का सही तरीका बताएं।

- शरीर पर दवाव बनाने के लिए बड़ी गेंद का इस्तेमाल करना।

-यदि बच्चा बिल्कुल बोल नही पाएं तो उसे तस्वीर की तरफ इशारा करके अपनी जरूरतों के बारे में बोलना सिखाएं।

- बच्चे को तनाव मुक्त रखें और पार्क गेम प्लेस आदि जगहों पर घूमाने ले जाएं।

-बच्चों को शारीरिक खेल के लिए प्रोत्साहित करें।

-अगर परेशानी बहुत ज्यादा हो तो मनोचिकित्सक द्वारा दी गई दवाइयों का इस्तेमाल करें।

-वंदना डालिया

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