प्रेग्नेंसी के लिए अंधेरे में बनाएं संबंध (PICS)

Monday, Sep 21, 2015 - 12:49 PM (IST)

घर में खुशियों की किलकारी किसे अच्छी नहीं लगती। कपल शादी के एक निश्चित समय बाद फैमिली प्लान करने की सोचते हैं जब उन्हें लगता हैं कि अब वह नन्हीं सी जान का अपनी जिंदगी में स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। प्रेग्नेंट होने के लिए संबंधों का सही समय पर बनना बहुत जरूरी है।

 

हाल ही में प्रैंग्नेंसी से जुड़े कुछ शोध सामने आए हैं। वैज्ञानिकों ने शोध के आधार पर कहा है कि अगर बैडरूम में बहुत अधिक रोशनी हैं तो इससे महिला की प्रैग्नेंसी पर असर पड़ सकता है। फिर वह रोशनी बैडरूम में पर्दे से छनकर आने वाली स्ट्रीट लाइट हो या बाहर से गुजरने वाली गाड़ियों की रोशनी, सभी महिला की प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालती हैं यहां तक कि इसमें कंप्यूटर और टैबलेट की रौशनी भी शामिल है। इसका सबसे बुरा असर औसत उम्र की महिला पर पड़ता है।

 

ब्रिटेन के विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता के बीच के संबंध को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इस बात की जांच के लिए अमरीकी और जापानी शोधकर्त्ताओं ने चूहों पर कुछ परीक्षण किए, जिससे यह पता चला कि किस तरह डिस्टर्ब बॉडी क्लॉक प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। हालांकि इस प्रयोग का युवा चूहों पर तो कोई असर नहीं हुआ लेकिन औसत उम्र वाले चूहों के प्रेग्नेंसी रेट पर असर जरूर पड़ा। करीब 71 प्रतिशत, अधि‍क उम्र होने के बावजूद नॉर्मल बॉडी क्लॉक के साथ प्रेग्नेंट हुईं जबकि डिस्टर्ब टाइम क्लॉक में ये केवल 10 फीसदी ही रहा।

 

इसी तरह महिलाओं की प्रजनन क्षमता भी रोशनी की वजह से प्रभावित होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि महिलाओं को रात के समय रोशनी के संपर्क में आने से परहेज करना चाहिए।

 

गर्भधारण की समस्या से जूझ रही महिलाएं:-

 

यह सुझाव आपको अटपटे लगेंगे लेकिन जो कपल मां-बाप के सुख से वंचित हैं, उनके लिए यह सुझाव कारगर साबित हो सकते हैं। ज्यादातर जोड़े को इस समस्या के कारण ज्ञात नहीं हैं।

 

-कमरे में बहुत अधिक रोशनी होने से हमारा बॉडी क्लॉक बिगड़ जाता है।

 

-गर्भधारण जैसी परेशानियों से जूझ रही महिलाओं को अच्छी नींद लेनी चाहिए क्योंकि गर्भधारण का नींद से बहुत गहरा संबंध है। 

 

-ऐसी महिलाओं को समय पर पौष्टिक भोजन खाना चाहिए और कमरे में रोशनी बिल्कुल हल्की कर देनी चाहिए। हल्की रोशनी में सोना बहुत महत्वपूर्ण है।

 

-स्टडी में यह बात भी सामने आई हैं कि जो जोड़े दिन के उजाले में संबंध बनाते हैं उनके बच्चों के साथ कई बार कुछ मनोवैज्ञानिक समस्याएं जुड़ जाती है। 

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