बच्चे के पेट में मरोड़ उठने के क्या कारण हो सकते है

punjabkesari.in Wednesday, Mar 04, 2015 - 10:51 AM (IST)

पेट में दर्द : इस अवस्था में बच्चे के पेट में मरोड़ उठती है । बच्चा लगातार रोता रहता है और किसी भी तरह से बहलता नहीं है। अक्सर यह पहले तीन महीनों में देखने में आता है । इस तरह के लक्षण अधिकतर शाम छह से दस बजे के बीच अधिक देखने को आते हैं ।

कारण : आंत के भीतर अधिक वायु का मौजूद होना मरोड़ का एक प्रमुख कारण है । रोते हुए बच्चे अपने पेट में और अधिक वायु खींचते हैं जिससे उनकी दर्द की मात्रा में वृद्धि होती जाती है । गाय के दूध के प्रति एलर्जी भी इसका कारण हो सकता है । यह देखा गया है कि स्तनपान करने वाले या गाय को छोड़कर अन्य का दूध पीने वाले बच्चों में इसका प्रमाण कम है। दूध को बहुत अधिक गाढ़ा बनाना या उसमें अन्य वस्तुओं को मिलाना भी इसका कारण हो सकता है । उसी तरह बोतल में निप्पल का छेद यदि बहुत छोटा हो तो भी बच्चे को पेट दर्द की तकलीफ पेश आ सकती है क्योंकि ऐसे में उसे दूध खींचने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है और इस प्रयास में वह हवा भी पेट में खींच लेता है ।

उपचार : यदि उपरोक्त कारणों को दूर करने के बाद भी बच्चे के पेट में दर्द  होता रहता है तो चिकित्सक की देखरेख में मरोड़ कम करने वाली दवाओं के प्रयोग से बच्चे की तकलीफ दूर होती है।

मलद्वार में दरार : इस  अवस्था में कड़े मल की वजह से गुदा द्वार में घाव हो जाता है ।

लक्षण : बच्चा मल त्याग के वक्त दर्द के कारण रोता है और जोर लगाता है । मल कड़े, सूखे और गुठलियों की तरह निकलते हैं । कभी-कभी बच्चे के अंदरूनी वस्त्र पर खून के दाग भी दिखाई पड़ सकते हैं ।

कारण : भोजन या आहार में अनियमितता, तरल पदार्थों के सेवन का अभाव, खांसी दूर करने वाली दवाओं का ज्यादा प्रयोग, पेट में कृमि रोग इत्यादि इस अवस्था के लिए जिम्मेदार हैं ।

उपचार : बड़े बच्चों द्वारा फलों, हरी सब्जियों और रेशेयुक्त खाद्य पदार्थों का प्रचुर मात्रा में सेवन करना चाहिए । यदि उपरोक्त से आराम न हो तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें । वह आपको ऐसी मरहम लिखकर दे सकते हैं जिसमें दर्द निवारक दवा मिली होती है । ऐसे मरहम को गुदा के आसपास लगा देने से दर्द खत्म हो जाता है । 

— डा. प्रवीण गुप्ता 

 

 


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