2027 की सत्ता के सरताज होंगे श्रीकान्त त्यागी अभिषेक त्यागी

punjabkesari.in Thursday, Oct 16, 2025 - 06:25 PM (IST)

राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल (रानद) के तत्वावधान में जनपद बुलंदशहर के स्याना स्थित नवरत्न फार्म हाउस में आयोजित “जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन” ऐतिहासिक सफलता के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) अभिषेक त्यागी उपस्थित रहे। भारी संख्या में जुटे कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच जनसमर्थन का जो विराट दृश्य देखने को मिला उसने यह स्पष्ट कर दिया कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल एक निर्णायक शक्ति बन चुका है।

अभिषेक त्यागी ने अपने संबोधन में कहा कि “2027 की सत्ता के सरताज होंगे श्रीकान्त त्यागी”, क्योंकि जनता ने अब यह तय कर लिया है कि सच्चा राष्ट्रवाद, सामाजिक न्याय और जनसेवा का प्रतीक केवल श्रीकान्त त्यागी ही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल केवल एक राजनीतिक पार्टी  नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के पुनर्निर्माण की जनचेतना का आंदोलन है, जिसका उद्देश्य हर गरीब, किसान, मजदूर, युवा और महिला को सम्मान और राजनीति में नेतृत्व का अवसर प्रदान करना है। पार्टी की विचारधारा पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल “राष्ट्र धर्म सर्वप्रथम” के सिद्धांत पर चलने वाली पार्टी है, जो जाति, वर्ग, और क्षेत्र से ऊपर उठकर राष्ट्रहित को सर्वोच्च मानता है। उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य सत्ता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, सबको सामान अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ व अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को समृद्धि प्रदान करना  है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीकान्त त्यागी के नेतृत्व में पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता समर्पित होकर सेवा, समर्पण और संगठन में संख्या के आधार पर भागीदारी दिए जाने की भावना से कार्य कर रहा है — यही भावना 2027 में उत्तर प्रदेश के इतिहास को बदलने वाली है।

कार्यक्रम में रानद कार्यकर्ताओं के उत्साह और अनुशासन ने संगठन की मज़बूती का अद्भुत प्रदर्शन किया। पश्चिम उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरण में अब राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है। इस क्षेत्र में कुल 7 करोड़ 30 लाख मतदाता हैं, जिनमें भृगुवंशी (ब्राह्मण समाज) त्यागी–भूमिहार उपनाम के 9% और शर्मा उपनाम के 14% मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार भृगुवंशी समाज के लगभग 2 करोड़ 30 लाख मतदाता अब एकजुट होकर राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल के पक्ष में खड़े हैं — और यह एकता ही 2027 की राजनीति की दिशा तय करेगी।

पार्टी की विचारधारा “राष्ट्र धर्म सर्वप्रथम” के सिद्धांत पर आधारित है। राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल जाति और वर्ग से ऊपर उठकर राष्ट्र को सर्वोच्च मानने वाली सोच का प्रतिनिधित्व करता है। गरीब, कमजोर, मजदूर, कामगार एवं असहाय व्यक्ति की उन्नति ही पार्टी के राष्ट्र निर्माण का आधार है।

इन सिद्धांतों के साथ चलाया जा रहा “राष्ट्रवादी सदस्यता अभियान” भी जनता के बीच भारी उत्साह का केंद्र बना हुआ है। अब तक लाखों की संख्या में नए सदस्य पार्टी से जुड़ चुके हैं और यह अभियान निरंतर जारी है। पार्टी संगठन ने यह स्पष्ट किया है कि यह सदस्यता अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है, ताकि रानद सुप्रीमो श्रीकांत त्यागी के नेतृत्व में पार्टी विचारधारा को घर-घर तक पहुँचाया जा सके।

राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल को पूरे प्रदेश में मिल रहा अपार जनसमर्थन यह प्रमाणित करता है कि जनता अब परिवर्तन चाहती है — ऐसा परिवर्तन जो राष्ट्रवाद, विकास और सामाजिक न्याय पर आधारित हो। हर जिले में कार्यकर्ता जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं और रानद के संदेश को जन-जन तक पहुँचा रहे हैं।

रानद सुप्रीमो श्रीकान्त त्यागी की लोकप्रियता आज जनआस्था का रूप ले चुकी है। जनता उन्हें संघर्ष, सेवा, स्वाभिमान व संरक्षण के प्रतीक के रूप में देखती है। उनका जीवन और नेतृत्व उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा बन चुका है जो राजनीति में राष्ट्रसेवा को सर्वोपरि मानते हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनावों में अन्य दलों और भाजपा की हार का मुख्य कारण केवल उनकी नीतियाँ नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल का तीव्र उभार होगा, क्योंकि त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज भाजपा की जीत में निर्णायक भूमिका निभाता रहा है जो अब रानद के पास है, यह पार्टी अब उत्तर प्रदेश में न केवल एक वैकल्पिक शक्ति के रूप में, बल्कि जनता की सच्ची आवाज़ के रूप में उभर रही है।

निष्कर्षतः, बुलंदशहर का यह कार्यकता सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक युग परिवर्तन की शुरुआत है। संगठन की एकजुटता, जनता का विश्वास और श्रीकान्त त्यागी जैसी नेतृत्व क्षमता के साथ राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल ने यह सिद्ध कर दिया है कि 2027 की सत्ता का ताज श्रीकान्त त्यागी के सिर सजेगा।


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Content Editor

Diksha Raghuwanshi

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