भारतीय नाविकों के लिए एक पुस्तक ‘बैलेंसः बियाॅन्ड बाइनरी’

punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 04:30 PM (IST)

होंग-कोंग आधारित ग्लोबल शिपिंग कंपनी एंग्लो- ईस्टर्न युनिवन ग्रुप जो भारतीय नाविकों के सबसे बड़े एम्प्लाॅयर्स में से एक है, के सीईओ कैप्टन ब्योर्न होजगार्ड ने एक पुस्तक लिखी हैः ‘बैलेंसः बियाॅन्ड बाइनरी’। यह पुस्तक मेरीटाईम वर्कफोर्स एवं उन छात्रों को मार्गदर्शन देने के लिए डिज़ाइन की गई है जो विश्वस्तरीय मर्चेन्ट नेवी आॅफिसर बनना चाहते हैं। 

इस अवसर पर कैन्टन होजगार्ड ने कहा, ‘‘मेरी पुस्तक उन उभरते भारतीय लीडरों को मार्गदर्शन देती है जो भारत के मेरीटाईम सेक्टर में पहली बार चुनौतियों का सामना कर रहे है। यह उन समझदार भारतीय युवाओं को शिपिंग सेक्टर की बारिकियां समझाती है, जो इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं। यह पुस्तक उन्हें बताती है इस सेक्टर मेें लीडरशिप की शुरूआत अपने आप को जानने के साथ होती है।’’ 

‘बैलेंसः बियाॅन्ड बाइनरी’ 23000 भारतीय नाविकों सहित 39000 से अधिक समुद्री नाविकों के लिए विचारोत्तेजक मैनुअल है, जो नाविक एंग्लो-ईस्टर्न युनिवन ग्रुप के 700 से अधिक जहाजों पर काम करते हैं। गौरतलब है कि इन भारतीय नाविकों में से बड़ी संख्या में नाविक पंजाब और हरियाणा के मूल निवासी हैं। 

इस पुस्तक के अध्याय लीडरशिप कौशल पर ध्यान केन्द्रित करते हैं क्योंकि ‘2047 तक विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत के मेरीटाईम सेक्टर को बड़ी संख्या में उद्यमियों की ज़रूरत है। 2047 तक मेरीटाईम सेक्टर में 1.5 लाख नौकरियां उत्पन्न होने और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों का अनुमान है, साथ ही देश के मेरिटाईम सेक्टर में 1 ट्रिलियन डाॅलर के निवेश की भी उम्मीद है। 

भारत ने अपने युवाओं के कौशल के ज़रिए स्थायी मेरीटाईम विकास में लीडर बननेकालक्ष्य रखा है, गौरतलब है कि भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है, जिसकी 65 फीसदी से अधिक आबादी की उम्र 35 वर्ष से कम है। देश की औसत उम्र भी कम है, मीडियन उम्र 18 वर्ष से कम है, जो बड़े जनसांख्यिकी लाभांशा में योगदान देती है। ऐसे में यह पुस्तक ‘बैलेंसः बियाॅन्ड बाइनरी’ भारतीय छात्रों के लिए बेहतरीन है जो कुशल अधिकारी के रूप में कार्गो या क्रूज़ शिप पर काम करना चाहते हैं।


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Content Editor

Diksha Raghuwanshi

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