सरबजीत की बहन बोली, आने दीजिए सीबीआई वालों को...

Tuesday, Sep 15, 2015 - 06:38 PM (IST)

जालंधर: पाकिस्तान की जेल में दम तोडऩे वाले सरबजीत सिंह की बेटी की प्रमाणिकता को लेकर उठे विवाद के बारे में उसकी कथित बहन दलबीर कौर का कहना है कि स्वपनदीप सरबजीत की बेटी है लेकिन उसके शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर उसका और उसके पति का नाम है। दलबीर कौर ने यह स्वीकार किया कि स्वपनदीप के शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर माता और पिता के स्थान पर उनका और उनके जेल में बंद पति बलदेव सिंह का नाम अंकित है । लेकिन स्वपनदीप सरबजीत की ही बेटी है।

दलबीर ने बताया, ‘‘स्वपनदीप को स्कूल में दाखिला दिलवाने मेरे पति बलदेव सिंह लेकर गए थे। स्कूल प्रशासन ने उनसे कहा कि माता-पिता अगर शिक्षित होंगे तभी नामांकन मिलेगा । इस पर बलदेव ने पिता के स्थान पर अपना नाम और माता के स्थान पर मेरा नाम लिखवा दिया क्योंकि सरबजीत पाकिस्तान की जेल में था और उसकी पत्नी सुखप्रीत पढ़ी लिखी नहीं है।’’  दलबीर ने बताया, ‘‘इसकी जब मुझे जानकारी हुई तब बलदेव के साथ मेरा झगड़ा हो गया क्योंकि उस लड़की की पहचान ही बदल गयी थी। मैं इससे अधिक कुछ नहीं कहना चाहूंगी क्योंकि और कोई माने या नहीं माने मैं जानती हूं कि स्वपनदीप सरबजीत की ही बेटी है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘जब सीबीआई वाले आयेंगे तभी मैं सबूत पेश करूंगी और पता चल जाएगा कि कौन किसकी बहन है और कौन बेटी।’’  उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता एम पी सिंह गोराया ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि स्वपनदीप सरबजीत की नहीं, दलबीर कौर की बेटी है और पंजाब सरकार की नौकरी धोखे से उसने अपनी बेटी को दिला दी है। 

पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत सिंह की रिहाई के लिए अभियान चलाने वाली दलबीर कौर ने आरोप लगाया कि यह सब बलजिंदर कौर और बलदेव सिंह की साजिश है जो पैसों के लिए इतने गिर चुके हैं और अपनी ही बच्ची का नुकसान करने पर तुले हुए हैं।  पड़ोसी मुल्क की कोट लखपत जेल में मई 2013 में सरबजीत सिंह की कैदियों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने उसे शहीद की उपाधि देते हुए उसकी बेटी को सरकारी नौकरी तथा आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया था। यह नौकरी स्वपनदीप को मिल गयी जिसके बारे में भाजपा नेता और सरबजीत की बहन बलजिंदर कौर का आरोप है कि वह दलबीर की बेटी है और उसे तत्काल बर्खास्त कर मामले की जांच सीबीआई से करवानी चाहिए। आपके कितने बच्चे हैं, यह पूछने पर दलबीर कौर ने कहा, ‘‘मेरी एक बेटी थी । वह जब 11 दिन की थी तो मेरे पति बलदेव ने 1984 में उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी थी और दवाई देकर उसने कई बार मेरा गर्भपात भी करवा दिया। मैं उस वक्त नयी थी और महिलायें तब उस स्थिति में नहीं थी जिस स्थिति में आज हैं, इसलिए मैं पुलिस में नहीं 

जा सकी।’’  उन्होंने बताया कि 2011 से वह बलदेव से अलग रह रही हैं जो जमीन के फर्जीवाडे में अभी हरिद्वार की जेल में बंद है। दलबीर कौर ने यह भी कहा, ‘‘मेरे पास सारे साक्ष्य मौजूद हैं और वो मुझे किसी को भी देने की आवश्यकता नहीं है। सीबीआई वालों को आने दीजिए, मैं सभी साक्ष्य उपलब्ध करवाउंगी और मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है।’’ 

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