आेलंपिक स्वर्ण जीतने से पहले बिंद्रा ने डर पर फतह के लिए ‘पिज्जा पोल’ की मदद ली

punjabkesari.in Monday, Jun 27, 2016 - 01:47 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत के पहले व्यक्तिगत आेलंपिक स्वर्ण पदकधारी अभिनव बिंद्रा की ‘उत्कृष्टता’ हासिल करने की सनक ने उन्हें जर्मनी में 40 फीट ऊंचे ‘पिज्जा पोल’ की चढ़ाई करने के लिए बाध्य कर दिया जिससे यह निशानेबाज अपने ‘भय’ पर फतह हासिल कर 2008 बीजिंग आेलंपिक में एेतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा। बिंद्रा तब 26 वर्ष के थे, उन्होंने आेलंपिक फाइनल के दौरान खुद पर हावी होने वाले डर पर फतह हासिल करने की कोशिश के तहत वह चीज आजमाने की कोशिश की जो जर्मनी का विशेष बल सामान्य रूप से अपनाता है। और इसका उन्हें फायदा भी हुआ।

पत्रकार दिग्विजय सिंह देव और अमित बिंद्रा की किताब ‘माई आेलंपिक जर्नी’ में बिंद्रा ने कहा, ‘‘मैं यूनिख से बीजिंग गया था। एेसा इसलिए क्योंकि आेलंपिक से रवाना होने से कुछ दिन पहले मैंने अपनी ‘कम्फर्ट जोन’ से निकलने का फैसला किया। मैंने ‘पिज्जा पोल’ की चढ़ाई करने का फैसला किया, जिसका इस्तेमाल जर्मनी का विशेष बल करता है। यह 40 फुट ऊंचा स्तंभ है। जैसे ही इसके ऊपरी हिस्से में चढ़ते रहे तो यह छोटा होता जाता है और अंत में शिखर पर इसकी सतह पिज्जा के डब्बे के माप की हो जाती है।’’


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