जानिए उन खिलाडिय़ों के बारे में जिनका नशे की वजह से टूटा चैंपियन बनने का सपना

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2016 - 08:26 AM (IST)

जालंधर: दुनियाभर में कई प्रकार के खेल खेले जाते है पहले समय में खिलाड़ी जीत के लिए व अपने शरीर को दमदार बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते थे और अच्छे आहार का इस्तेमाल करते थे। लेकिन आज दुनियाभर में खेलों में ड्रग्स का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा हैं खिलाड़ी जीत के लिए ड्रग्स, दवाईयां आदि नशों का खूब इस्तेमाल कर रहे है और भारत भी इस सम्मस्या से अछूता नहीं है। हाल ही में भारतीय पहलवान नरसिंह यादव और शॉट पुटर इंद्रजीत सिंह रियो ओलंपिक में जाने से पहले डोप टेस्ट में फेल हो गए। 

बतां दे कि हर साल करीब 100 से ज्यादा खिलाड़ी डोपिंग के आरोप में पकड़े जाते हैं। आज हम आपकों बताते है उन भारतीय खिलाडिय़ों के बारे में जो बीते कुछ सालों में डोप के आरोप में पकड़े गए हैं।

- साल 2000 में जूनियर वल्र्ड चैंपियनशिप में डिस्कस थ्रो खिलाड़ी सीमा अंतिल ने गोल्ड मेडल जीता लेकिन डोप का आरोप साबित होने के बाद उनसे मेडल वापिस ले लिया गया। 

- एथेंस ओलिंपिक्स 2004 के दौरान महिला वेटलिफ्टर सनामाचू चानू और प्रतिमा कुमारी डोप टेस्ट मे पॉजिटिव आई थी।
- 2005 में डिस्कस थ्रो के खिलाड़ी अनिल कुमार और नीलम सिंह को डोप टेस्ट में फेल होने के कारण दो साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा।
- बीज़िंग ओलिंपिक्स 2008 से पहले महिला वेटलिफ्टर मोनिका देवी डोप टेस्ट में फेल हो गई।
- 2010 में शॉट पुटर खिलाड़ी सौरभ विज डोप टेस्ट में फेल हुए और उन पर दो साल का बैन लग गया। 
- 2011 में 6 भारतीय महिला एथलीट डोप टेस्ट में फेल हुई और उन पर एक साल का बैन लगा। 
- 2015 में 21 वेटलिफ्टरों के डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए गए। थ्रो करने वाली केतकी सेठी पर आठ साल का बैन लगा। 
- रियो ओलंपिक 2016 शुरू होने से पहले भारतीय पहलवान नरसिंह यादव और शॉट पुटर इंद्रजीत सिंह पर डोप टेस्ट में फेल होने का धब्बा लग गया।


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