ललिता के माता-पिता ने कहा-बेटी पर गर्व
punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2016 - 01:32 PM (IST)
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पुणे: रियो ओलिंपिक में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेका स्पर्धा में दसवें स्थान पर आने वाली भारतीय एथलीट ललिता बाबर के माता-पिता अपनी बेटी के पदक न जीत पाने पर निराश दिखे लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। भारतीय एथलीटों में कुछ उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाली ललिता 3000 मीटर स्टीपलचेका स्पर्धा के फाइनल में पहुंची लेकिन फाइनल में वह 9 मिनट 22.74 सेकेंड के समय के साथ दसवें स्थान पर रहीं।
ललिता के पिता शिवाजी बाबर ने कहा कि वह अपनी बेटी के पदक न जीतने से निराश जरूर हैं लेकिन उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी ने देश का प्रतिनिधित्व किया और फाइनल में स्थान बनाया। वह रियो में भले ही पदक न हासिल कर पाई हों लेकिन भविष्य के टूर्नामैंटों में वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करेंगी।
उन्होंने कहा कि हम उनके प्रदर्शन से संतुष्ट हैं और हमें उन्हें और अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। समुचित सुविधाओं और प्रशिक्षण का अभाव उनके प्रदर्शन पर साफ दिखाई दिया। उल्लेखनीय है कि ललिता 32 वर्षों में ओलिंपिक के फाइनल के लिये क्वालिफाई करने वाली पहली ट्रैक एथलीट हैं। उनसे पहले 1984 में पीटी ऊषा ने लॉस एंजेलिस ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथा स्थान हासिल किया था।