रियो में दीपा पर भारतीय उम्मीदों की रहेगी चुनौती

punjabkesari.in Saturday, Aug 06, 2016 - 03:07 PM (IST)

रियो डि जेनेरो: भारत की ओर से 52 वर्षों के बाद ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली और एकमात्र महिला कलात्मक जिमनास्ट दीपा करमाकर रविवार को इस स्पर्धा में एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि के रूप में चुनौती पेश करने उतरेंगी।   
 
दीपा देश की पहली महिला जिमनास्ट हैं वहीं वर्ष 1964 के बाद वह पहली भारतीय भी हैं जिन्होंने जिम्नास्टिक में ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। दीपा भी इस बात से भलीभांति वाकिफ हैं कि यदि उन्हें करोड़ों भारतीय प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतरना है तो उन्हें खेलों के इस मेगा टूर्नामैेंट में उम्दा प्रदर्शन करना होगा।
 
रियो दल में भारत की एकमात्र जिमनास्ट प्रतिनिधि दीपा ने ओलंपिक खेलों से पूर्व कहा था कि उनके लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं होगा कि वह इकलौती भारतीय के तौर पर इन खेलों में उतरेंगी। पूर्वोत्तर की रहने वाली दीपा काफी मेहनत और विषम परिस्थितियों के बाद यहां पहुंची हैं। वहीं दीपा को बचपन में चपटे पैर होने के कारण भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी।  दीपा ने अप्रैल महीने में ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था और वह इन खेलों का टिकट पाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। दीपा को शुरुआत से ही उन्हें संसाधनों की कमी थी। लेकिन उन्होंने हार न मानते हुए अभ्यास के लिए पुराने उपकरण खरीदे और उन्हीं से काम चलाया।
 
उदाहरण के लिए जब दीपा ने वाल्ट की शुरुआत की तो वह कूदने के लिए टाट के ढेर का इस्तेमाल करतीं थीं।  रियो में स्वर्ण पदक की सबसे बड़ी उ्म्मीद अमरीका की सिमोन बाइल्स से भी अगरतला की दीपा की काफी तुलना की जाती है। वर्ष 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली दीपा ने अंतिम क्वालीफाइंग और परीक्षण टूर्नामैंट में शानदार प्रदर्शन कर रियो ओलिंपिक का टिकट कटाया था। उन्हें रियो में महिला कलात्मक जिमनास्ट में व्यक्तिगत क्वालिफायर की सूची में 79वें स्थान पर रखा गया है।

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