गर्भवती की कोरोना जांच को प्राथमिकता देने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार से मांगा जवाब

Thursday, Jul 09, 2020 - 12:17 PM (IST)

नई दिल्ली/ डेस्क। दिल्ली में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने गर्भवती महिलाओं की कोरोना जांच को प्राथमिकता देने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। ये याचिका वैभव अग्निहोत्री नाम के शख्स ने कोर्ट में दायर की है। 
 

याचिकाकर्ता ने अपने हलफनामे में कहा है दिल्ली सरकार ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की कोविड-19 जांच रेपिड एंटीजेन टेस्ट सी की जाएगी, जिससे परिणाम बहुत जल्दी मिल सकेंगे। हालांकि ये बात सरकरा द्वारा जारी नोटिफिकेशन में नहीं लिखी गई है। इसके कारण रैपिड एंटिजन टेस्ट किट से गर्भवती महिलाओं की कोरोना जांच नहीं हो रही है। 

 


बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि गर्भवती महिलाओं की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने में कितना समय लगता है जिसका जवाब देते हुए दिल्ली सराकर के वकील ने कहा कि 48 घंटे का समय लगता है। कोर्ट ने पूछा कि क्या ये समय सैंपल लेने से लेकर रिपोर्ट भेजने तक का समय है? इस सवाल पर सरकार के वकील कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। 



वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि गर्भवती की कोरोना जांच रिपोर्ट आने में 5-6 दिन का समय लगता है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि एक बच्चे को जन्म देने जा रही महिला की रिपोर्ट आने में इतना समय लगेगा तो वो अपना इलाज कैसे करवाएगी। बता दें कि कुछ समय पहले ही दिल्ली सरकार ने डिलिवरी से पहले गर्भवती महिलाओं की कोरोना जांच अनिवार्य कर दिया है। इस मामले पर आज यानी गुरुवार को फिर से सुनवाई होनी है। कोर्ट ने सरकार को टेस्ट के समय पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। 

 

Murari Sharan

Advertising