जातिसूचक टिप्पणी से परेशान एम्स डॉक्टर ने किया सुसाइड अटेम्पट, NCW ने मंत्रालय को भेजा नोटिस

Monday, Apr 20, 2020 - 02:34 PM (IST)

नई दिल्ली/डेस्क। देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स (AIIMS) की रेजिडेंट महिला डॉक्टर (Resident Female Doctor) ने तनाव में आकर आत्महत्या (Suicide) की कोशिश की। एक वरिष्ठ फैकल्टी पर उनको अपशब्द कहने और जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप है। वरिष्ठ फैकल्टी से परेशान होकर महिला डॉक्टर ने खुदकुशी की कोशिश की। मीडिया द्वारा इस खबर के मिलते ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लिया है।  


राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना रक संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीति सूडान और एम्स के निदेश को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में लिखा है कि इस मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई कर रिपोर्ट राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजी जाए।


रात को खाया था जहर
जानकारी के मुताबिक शनिवार रात करीब 9: 00 बजे महिला डॉक्टर ने अपने छात्रावास में जहर खा लिया। जब छात्रावास के अन्य लोगों को इसकी जानकारी मिली तो डॉक्टर को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला स्वास्थ्य कर्मी की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती किया है।

महिला चिकित्सक एम्स सीडीआर बतौर रेजिडेंट डॉक्टर कार्यरत हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष आदर्श प्रताप सिंह के मुताबिक महिला चिकित्सक अपने एक वरिष्ठ फैकल्टी के व्यवहार से काफी समय से तनाव में थी। शब्दों का उपयोग करते थे और जातिसूचक टिप्पणी भी लगातार की जा रही थी। 


कई बार की थी शिकायत
आरडीए पदाधिकारियों के मुताबिक महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने आरडीए के जरिए तीन बार पत्र लिखकर एम्स प्रबंधन से अपने साथ होने वाले तथाकथित शोषण की जानकारी साझा की थी। उन्होंने एम्स के महिला ग्रीवेंस और एससी एसटी वेलफेयर सोसाइटी के साथ राष्ट्रीय एससी एसटी कमीशन से भी मामले की शिकायत की थी। बावजूद इसके शोषण का सिलसिला नहीं रुका। एम्स आडीए ने प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक पीड़ित महिला के पति सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंच चुके थे। 

Kamini Bisht

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