21वीं सदी के अर्जुनों के लिए दिल्ली में ‘मेगा यूथ फेस्ट’ का आयोजन
punjabkesari.in Monday, Jul 01, 2024 - 03:39 PM (IST)
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नई दिल्ली। लव अफेयर्स, ब्रेकअप्स और सोशल मीडिया की लत–युवाओं के इन्हीं मुद्दों के समाधान के लिए 30 जून, 2024 को दिल्ली में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के पीस प्रोग्राम द्वारा ‘मेगा यूथ फेस्ट’ का आयोजन किया गया। ‘उठ पार्थ, युद्ध कर’ नामक इस फेस्ट में स्टैंड-अप कॉमेडी, नृत्य-नाटकोंऔर प्रेरक वार्ताओं को लाईव देखने-सुनने के लिए लगभग एक हज़ार युवा मानेकशॉ ऑडिटोरियम में एकत्रित हुए। इसके साथ हीदिल्ली के कई शैक्षिक संस्थानों के उप-कुलपति, डीन, एच.ओ.डी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेऔरगेस्ट वक्ता के तौर पर अवध ओझा सर तथा जाह्नवी पंवर ने भी अपनी मौज़ूदगी दर्ज़ की। फेस्ट के विभिन्न सत्रों का आयोजन आशुतोष महाराज की साध्वी शिष्याओं द्वारा किया गया।
पीसप्रोग्राम की सह-इन्चार्ज,साध्वीडॉ. निधि भारती ने बताया की आज युवा करियर और नौकरी की दौड़ से मिलने वाली थकान वतनाव से छुटकारा पाने के लिए रील्स, वेबसीरीज और ऑनलाइनगेम्स का सहारा लेने लगा है। जो असल में उसके तनाव को कम करने की बजाय उसे अवसाद मेंज्यादा डाल रही है।ऐसा इंस्टेंट मज़ा पाने के चक्कर मेंवह फिर इन्हीं रील्स एवं वेबसीरीज़से प्रेरित हो कर इंस्टेंट लव रिलेशन भी बनाने लग जाता है।युवाओं की इस ‘क्या फर्क पड़ता है’वाली सोच को साध्वी ने ठोस तर्कों एवं वैज्ञानिक तथ्यों द्वारा सिरे से खारिज़ किया।और यह सिद्ध किया की असल में इन सबसे युवा की मानसिकता और व्यक्तित्वपर ही नहीं बल्कि उसकी पूरी ज़िन्दगी पर गहरा फर्क पड़ता हैं।
कार्यक्रम केअगले सत्र में भारतीय इतिहास में दर्ज़ सच्ची प्रेम गाथाओं पर आधारितएक संगीतमय प्रस्तुति हुई।इससत्र की मुख्य वक्ता साध्वी मणिमाला भारती ने कहा कि इंस्टेंट लव, हुक-अप्स और ब्रेकअप्स वाले रिश्तों का ट्रेंड पाश्चात्य जगत से अपनाया गया है। क्योंकि भारत की संस्कृति ने तो हमे शासेत्याग, समर्पण, विश्वास और पवित्रता जैसे मूल्यों पर आधारित सच्चे-प्रेम का पाठ ही विश्व को पढ़ाया है। साध्वी ने रानी पद्मावती और रतन सिंह की प्रेम कहानी को सुनाया। जिसमें रतन सिंह अपने प्रेम की गरिमा बनाये रखने की ख़ातिर योद्धा बनकर डटे रहते है। वहीं रानी पद्मावती भी अपने प्रेम की पवित्रता को सिद्ध करते हुए खिलजी को अपनी दहलीज़ तक पहुँचने ही नहीं देती।साध्वी नें आगे महादेव और सती के जीवन से उद्धृत प्रसंग से भी समझाया की जब महादेव का सती से विछोह हो जाता है तब महादेव अंतर्मुखी होकर ध्यान में स्थित हो जाते है। असल में ब्रेकअप जैसी विछोह की स्थिति में ध्यानही सबसे कारगर सूत्र सिद्ध होताहै। जिससे इंसान अपने भीतर के समस्त दु:खों और पीड़ाओं से मुक्ति प्राप्तकर सकता हैं।
आगे,इस कार्यक्रम की मुख्य इन्चारर्ज साध्वी तपेश्वरी भारती ने युवाओं की स्थिति को चित्रित करते हुए कहा की आज का युवा, ‘ये दिल मांगे मोर’ का राग अलापते हुए धड़ले से सोशल मीडिया पर रील्स और ओटीटी पर वेब सीरीज़ देखने में लगा हुआहै। इस पर भी स्थिति बद-से-बदतर दिखाई तबदेने लगती है जब युवा इन्हीं प्लेटफार्म्सपर पोर्न और अश्लील कंटेंट देखने में अधिक रूचि लेता नज़र आने लगताहै।लत के संदर्भ में साध्वी जी ने अपने आध्यात्मिक गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के वचनों को रेखांकित करते हुए कहा, ‘जब व्यक्ति सिगरेट के धुंए का पहला छर्रा उड़ाता है, तब साथ में खूब ज़ोर से खांसता भी है। उसकी अंतर्चेतना उसे आगाह करती है कि यह उसके लिए हानिकारक है। पर क्या इस अनुभव को लेने के बाद भी वो धुम्रपान करना छोड़ देता है? नहीं! ठीक यही होता है जब वो शराब के जाम अपने अन्दर उतारता है- वमन करना, खुद से नियंत्रण खो देना, नशे की हालत में गलत काम कर जाना। इन खराब अनुभवों के बावजूद भी क्या वो शराब से दूरी बना लेता है? नहीं! क्योंकि, इन व्यसनों का संग करने का एक ही परिणाम होता है– दूरी नहीं; मजबूरी। यह इंसान की मजबूरी बनकर उसे तबाही की कगार तक ले जाते है।’साध्वी जी ने कहा कि रील्स,वेब सीरीज़ और पॉर्न की लत भी इंसान की यही गति बना देती हैं। सत्र में आगे उन्होनें भगवद्गीता के आधार पर इन व्यसनों पर काबू पाने के लिए जागृत आत्म-चेतना की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
पहले गेस्ट वक्ता थे–सिविल परीक्षा के मशहूर टीचर,अवध ओझा सर। उन्होनें सोशल मीडिया की लत, लव अफेयर्स और ब्रेकअप्स के ट्रेंड पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा,‘मेरा मानना है कि आज के युवाओं में जितनी भी लतें है, उनके पीछे एक बुनियादी इकाई है- वह है उनका मन। और इस चंचल मन को काबू में करने का एकमात्र तरीका भारतीय परम्परा में निहित ध्यान की प्रक्रिया ही है।’
दूसरी गेस्ट वक्ता थी भारत की वंडर गर्ल- जाह्नवी पंवर।सबसे पहले जाह्नवी ने हरियाणवीं और अंग्रेजी लहज़ेमें एक अनोखी जुगल बंदी प्रस्तुत की।इसके साथ अपने बीस साल के छोटे जीवन में इतने बड़े मुकाम को हासिल करने के पीछे किये गए संघर्ष की यात्रा कोभी उन्होनें सबसे सांझा किया। और बताया की किस तरह से वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए अनगिनत दिनों तक डटी रही।अंगेज़ी भाषा के विभिन्न लहज़ों पर महारत हासिल करने के लिए वह कई सालों तक लाल किले और इंडिया गेट पर जाकर घंटों विदेशियों से बातचीत कर प्रैक्टिस करती थी।उनके इसी उत्साह और जज़्बेकी कहानी को उपस्थित सभी युवाओं ने खूब सराहा।
अंत में डांस सत्र हुआ जिसमें उपस्थितमॉडर्न युवाभक्ति की फ्यूज़नधुनों पर थिरकता और आनंद लेता नज़र आया। इस मेगा यूथ फेस्ट से युवाओं को सूझवान लाइफस्टाइल को अपनाने की सच्ची प्रेरणा मिली।