दिल्ली में लगेंगे स्मार्ट मीटर, बिजली चोरी पर लगेगी लगाम

Tuesday, Sep 05, 2017 - 10:49 AM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली वितरण का जिम्मा संभाल रही टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर-डीडीएल) अपने ग्राहकों को स्मार्ट मीटर उपलब्ध कराएगी। इससे एक तरफ जहां ग्राहकों को बिजली की खपत के बारे में वास्तिवक समय में जानकारी मिलेगी वहीं कंपनी बिजली चोरी पर लगाम लगा सकेगी। इस नए मीटर के लिए ग्राहकों को कोई भी भुगतान नहीं करना पड़ेगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर और उत्तर-पश्चिम भाग में बिजली वितरण का काम कर रही टाटा पावर-डीडीएल ने इसके लिए स्विट्जरलैंड की कंपनी लैंडिस + गेर के साथ गठजोड़ किया है। तोशिबा की इकाई लैंडिस + गेर  बिजली वितरण कंपनियों को एकीकृत ऊर्जा प्रबंधन समाधान उपलब्ध कराने वाली दुनिया की प्रमुख कंपनी है।

2018 में पूरा होगा पहला चरण 
टाटा पावर और दिल्ली सरकार की संयुक्त उद्यम टाटा पावर डीडीएल के सीईओ और प्रबंध निदेशक प्रबीर सिन्हा ने कहा, ‘‘कंपनी अपने बिजली वितरण वाले क्षेत्रों में पहले चरण में 2.5 लाख स्मार्ट मीटर लगाएगी। मीटर लगाने का काम फरवरी-मार्च में शुरू होगा और पहला चरण 2018 में पूरा हो जाएगा।’’ कंपनी के कुल मीटर की संख्या लगभग 18 लाख है। उन्होंने कहा कि पूरी परियोजना 2025 तक पूरी हो जाएगी  कंपनी इसके लिए जरूरी बुनियादी ढांचा लगा रही है। आम उपभोक्ताओं को इससे मिलने वाले लाभ के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा, ‘‘इससे लोगों को यह पता चल पाएगा कि वह कितनी बिजली खपत कर रहे हैं और क्या उनकी खपत मीटर की निर्धारित क्षमता (लोड) से अधिक तो नहीं हो गई है। उन्हें यह आंकड़ा वास्तविक समय पर मिलेगा।’’

बिजली चोरी पर लगेगी लगाम 
इसके जरिए टाटा पावर डीडीएल के ग्राहक एप के जरिए हर घंटे, दैनिक आधार और मासिक आधार पर बिजली खपत से जुड़ी विभिन्न जानकारी ले सकते हैं। इतना ही नहीं बिजली की अगर कोई गड़बड़ी होती है तो इसकी जानकारी सीधे कंपनी के पास चली जाएगी और कंपनी इसे ठीक करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। कंपनी को होने वाले फायदे के बारे में सिन्हा ने कहा, ‘‘इससे बिजली चोरी पर लगाम लगेगी। साथ ही हम व्यस्त समय में बिजली की मांग का प्रबंधन कर सकेंगे। अधिक मांग होने पर हम ग्राहकों को यह जानकारी दे सकते हैं कि उनकी खपत निर्धारित ‘लोड’ से अधिक हो रही है।’’ परियोजना की लागत के बारे में जाने पर उन्होंने कहा कि पहले चरण में इस पर 100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा और वैसे पूरी परियोजना 2,000 करोड़ रुपए की है। सिन्हा ने कहा कि ग्राहक को नए स्मार्ट मीटर के लिए कोई खर्च नहीं करना होगा, कंपनी इसका पूरा खर्चा वहन करेगी।             

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