हसन खान था भारत माता का बेटा :मोहन भागवत

Saturday, Feb 21, 2015 - 01:23 PM (IST)

राजस्थान: शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने राजस्थान के खांडवा में सभी जाति-धर्मो की एकता पर बल दिया। एक कार्यक्रम में इतिहास की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज जाति धर्म छोड़कर विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ एकजुट होते थे।

उन्होंने आगे कहा कि पूवर्जो का आशय इस संदर्भ में लिया जाए जिन्होंने भारत के लिए कुर्बानी दी। भागवत ने कहा कि संघ आत्मरक्षा के गुर जरूर सिखाता है, लेकिन लोगों को लडऩा-लड़ाना कभी नहीं सिखाता। भागवत ने हसन खान का उदाहरण देते हुए कहा कि बाबर ने राणा सांगा के सेनापति हसन खान मेवाती को उसके धर्म का हवाला देते हुए अपनी सेना में भर्ती होने का न्योता दिया था। लेकिन हसन खान ने उसे ये कहते हुए मना कर दिया कि भले ही हम दोनो का धर्म एक हो लेकिन मैं पहले भारतीय हूं,भारत माता की सेवा करना मेरा परम कर्तव्य है।

भागवत ने बाबर की आलोचना करते हुए कहा कि भले ही बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी में हो, लेकिन इस युद्ध का असली स्मारक खांडवा में है। संघ प्रमुख ने लोगों से आह्वान किया कि वे छोटी-छोटी बातों पर लडऩा बंद करें। उन्होंने कहा कि देशहित में हम सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एकता ही हमारा सिद्धान्त रहा है और हमें विश्व को ये सीख देनी चाहिए।

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