केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के आदेश पर एम्स की बोलती बंद

Saturday, Jul 28, 2018 - 09:54 AM (IST)

नई दिल्ली : लंबे समय पर संसाधनों और कर्मचारियों की कमी का रोना रोकर मरीजों को सर्जरी या तारीख देने वाले देश का सबसे बड़ा सरकारी संस्थान एम्स का यह फंडा इस बार उसी के गले की फांस बन गया है। आलम यह रहा कि इस बार एम्स को अपने ही आदेश को लेकर पूरी तरह से बैकफुट पर आना पड़ गया। एक सख्त आदेश के आगे एम्स की सभी दलीलें धरी की धरी रह गई। अब सवाल यह है कि अंकित की तरह ही बहुत सारे मरीज एम्स में सर्जरी के लिए दिन-रात चक्कर लगाने को मजबूर हैं, आखिर उनका क्या होगा? वहीं जब सर्जरी की तारीख को लेकर एम्स अगर इतना ही मजबूर है तो आखिरकार अब मंत्री के आदेश पर अपने

फैसले को कैसे बदलेगा? 
यूपी के वाराणसी निवासी अंकित के हृदय रोगी होने की जानकारी मिलने के बाद उसके पिता सुनील विश्वकर्मा उसे उपचार के लिए दिल्ली लेकर आए। एम्स ने मरीज की जांच की और सर्जरी के लिए वर्ष 2024 की तारीख देकर चलता कर दिया। सर्जरी के लिए इतनी लंबी तारीख मिलने के बाद सुनील ने इस आशय में एम्स डॉक्टरों से सवाल भी किए। इस पर डॉक्टरों ने बिस्तरों की संख्या सीमित और मरीजों की उससे कहीं होने की दलील देकर पल्ला झाड़ लिया। साथ ही यह भी कह दिया कि अगर शीघ्र उपचार चाहिए तो निजी अस्पताल में जाकर करा लो। 

उल्टे दिल में छेद की है समस्या
सुनील के मुताबिक अंकित थोड़ा काम करने के बाद ही हांफने लगता है। डॉक्टरों ने जानकारी दी कि उसका दिल उल्टा है और उसमें सुराख भी है। पहले उसका उपचार बनारस हिंदू विवि. के डॉक्टर कर रहे थे। मगर बाद में डॉक्टरों ने उसे दिल्ली एम्स में रेफर कर दिया। 


अनुप्रिया पटेल की पहल पर मिलेगी  शीघ्र तारीख 
अंकित का मामला जैसे ही मीडिया में सुर्खियां बनी केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल की ओर से उनके पीए ने सुनील को फोन कर एम्स वापस पहुंचने की बात कही। साथ ही आश्वासन भी दिया कि उसे शीघ्र ही दोबारा डेट मिल जाएगी।  बेशक अंकित को एम्स ने राहत प्रदान की हो, लेकिन इसकी तरह और भी सैंकड़ों बच्चे हैं जो लंबी डेट की वजह से एम्स के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

 

खासतौर से बच्चों को हो रही है समस्या
एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों के दौरान दिल में छेद वाले बच्चों की तादाद काफी बढ़ गई है। चूंकि मरीजों की तादाद अधिक है, नतीजतन लंबी तारीख मिलती है। उन्होंने बताया कि डेट देने का काम डॉक्टरों का नहीं है। मरीजों को डेट देने के लिए अलग से प्रक्रिया तय की गई है। 

pooja

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