इस समुदाय में रेप होने पर खुशी मनाती हैं महिलाएं! जवान होते ही युवक बन जाते हैं रेपिस्ट... जानें इस अनोखी परंपरा का पूरा सच
punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 03:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला दावा वायरल हुआ है कि अफ्रीका के मसाई समुदाय में एक लड़के के जवान होने की निशानी रेप करना है और इस पर समुदाय की महिलाएं खुशी मनाती हैं। यह दावा पूरी तरह से हैरान करने वाला और अजीबो-गरीब है।
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पूरी तरह से आधारहीन है दावा-
यह दावा पूरी तरह से भ्रामक और आधारहीन है, जो मसाई संस्कृति को गलत तरीके से पेश करता है। मसाई, जो केन्या और तंजानिया में रहने वाली एक गर्वित जनजाति है अपनी समृद्ध परंपराओं और पशुपालक जीवनशैली के लिए जानी जाती है, लेकिन वायरल हुआ यह दावा उसकी संस्कृति का हिस्सा नहीं है।
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मसाई समुदाय की समृद्ध संस्कृति का सच
मसाई समुदाय की आबादी लगभग 1.5 मिलियन है। यह समुदाय अपने लाल कपड़ों और मोतियों के आभूषणों के लिए प्रसिद्ध है। मसाई समाज पितृसत्तात्मक है, जहां पुरुष परिवार और समुदाय के फैसले लेते हैं। महिलाएं पारंपरिक रूप से घर का काम और बच्चों की देखभाल करती हैं। मसाई संस्कृति में कुछ लिंग-आधारित रीति-रिवाज हैं, लेकिन मानवशास्त्रियों और विशेषज्ञों के अनुसार बलात्कार को बढ़ावा देने वाली कोई परंपरा मौजूद नहीं है। इसके बजाय मसाई समाज में 'एम्मुरट्टा' (खतना) और विवाह जैसे अनुष्ठान किशोरावस्था से वयस्कता में प्रवेश का प्रतीक हैं।
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मसाई संस्कृति के रीति-रिवाज और चुनौतियाँ
मसाई समुदाय में सामाजिक और राजनीतिक संगठन का आधार age-set system है। पुरुषों के लिए योद्धा बनने की प्रक्रिया में खतना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो उन्हें समुदाय का रक्षक बनाता है। महिलाओं के लिए खतना और विवाह को वयस्कता का प्रतीक माना जाता है। महिला खतना (FGM) की प्रथा को लेकर वैश्विक स्तर पर आलोचना होती रही है और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन माना जाता है। केन्या में 2011 से FGM पर प्रतिबंध है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह प्रथा अभी भी गुप्त रूप से जारी है।
आ रहे हैं बदलाव
आधुनिकता और शिक्षा के प्रसार ने मसाई समुदाय में बड़ा बदलाव लाया है। आज, मसाई महिलाएं शिक्षा, पर्यटन और सामुदायिक नेतृत्व में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उदाहरण के लिए, 'मसाई क्रिकेट वॉरियर्स' जैसे समूह FGM और बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैला रहे हैं। तंजानिया और केन्या में सरकार और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम चल रहे हैं। वहां के युवा अब उन परंपराओं को तोड़ रहे हैं, जो इंसानियत के खिलाफ हैं।