Pakistan में हिंदू टैलेंट कर रहे कमाल, IPS जैसे अधिकारी से लेकर..DSP तक; लंबी है लिस्ट

punjabkesari.in Sunday, Dec 15, 2024 - 09:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क : रान 2024 केरी महीने में इतिहास रच दिया है। ये पाकिस्तान पुलिस सेवा (पीएसपी, जो भारत की आईपीएस के समकक्ष मानी जा सकती है) में पहले हिंदू अधिकारी बन गए हैं। कुछ दिन पहले जियो न्यूज पर उनके इंटरव्यू से मुझे सुखद आश्चर्य हुआ। वे सिंध प्रांत से ताल्लुक रखते हैं और उन्हें पंजाब प्रांत के फैसलाबाद शहर में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नियुक्त किया गया है। राजेंदर मेघवार एक सेल्फमेड चुका है, जिन्होंने अपनी मेहनत से मुस्लिम बहुल समाज में अपनी नियति लिखी है। उन्होंने एएसपी का पद अपनी योग्यता के दम पर हासिल किया है और इस पर उन्हें नियुक्त करके किसी ने कोई एहसान नहीं किया है। उनकी यह पोस्टिंग न केवल पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए, बल्कि उन पाकिस्तानी मुसलमानों के लिए भी अच्छी खबर है, जो पुलिस के राजनीतिकरण की वजह से उसमें अपना भरोसा खो रहे हैं।

राजेंद्र मेपवार पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए एक नए रोल मॉडल हैं। उन्होंने दरअसल एक हिंदू महिला डॉ. सना रामचंद गुलवानी का अनुसरण किया है, जो पिछले साल पाकिस्तान सिविल एडमिनिस्ट्रेशन का हिस्सा बनी थी। डॉ. सना को पंजाब के हसनअब्दाल शहर का असिस्टेंट कमिश्नर नियुक्त किया गया था। सिंध प्रांत में निचले ओहदों पर भी कई हिंदू पुलिस अधिकारी हैं, जिनमें पहली महिला हिंदू डीएसपी मनीषा रोपेटा भी शामिल हैं। दो साल पहले कैलाश कुमार और ऑनल कुमार को पाकिस्तानी सेना में मेजर के पद से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पदोनत किया गया था। पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में हिंदू कैडेटों को शामिल करने की शुरुआत 2005 में हुई थी, जब जनरल परवेज मुशर्रफ सत्ता में थे। उससे पहले हिंदू केवल मेडिकल कोर का हिस्सा थे। अब अनेक हिंदू पाकिस्तानी सेना की फटिंग कोर का हिस्सा है।

जस्टिस सुमन कुमारी पहली महिला पाकिस्तानी हिंदू न्यायाधीश हैं, जो 2019 से कंबर शाहदादकोट सिंध में सिविल जज के रूप में सेवाएं दे रही हैं। हालांकि इनके पहले जस्टिस राणा भगवानदास 2007 में बहुत थोड़े समय के लिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश रहे, लेकिन 2009 में उन्हें पाकिस्तान के संप लोक सेवा आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। रोहित भागवत पाकिस्तान के सबसे बड़े अंग्रेजी अखबार डॉन में कार्टूनिस्ट हैं। वे युवा और स्साहसी हैं। हमेशा लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए खड़े होते हैं। यही कारण है कि बहुत ही कम समय में उनके कार्टून पूरे पाकिस्तान में मशहूर हो गए हैं।

अनिल दलपत और दानिश कनेरिया पाकिस्तान क्रिकेट टीम की ओर से खेले हैं, लेकिन इन दोनों को अपवादस्वरूप लिया जाता था। मगर इस समय कई युवा हिंदू विभिन्न इलाकों से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल रहे हैं और आने वाले सालों में उनमें से कुछ राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बना लें तो ताज्जुब नहीं होना चाहिए। अब आते है सियासत पर। पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिमा ने 1947 में एक हिंदू जोगेंद्र नाथ मंडल को पाकिस्तान का पहला कानून मंत्री नियुक्त किया था। मंडल को कश्मीर मामलों के मंत्रालय का प्रभार भी दिया गया था। वे जिन्ना के बहुत करीबी थे, लेकिन नित्रा के इंतकाल के बाद इस बंगाली हिंदू को 1950 में इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। वे कानून मंत्री थे, लेकिन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में हुए कुछ दंगों के बाद उनकी गिरफ्तारी के वारंट जारी कर दिए गए थे।

इससे उन्हें भारत भेज दिया गया था। उनके भारत लौटने से कई पाकिस्तानी हिंदू हतोत्साहित हुए और उन्होंने लंबे अरसे तक पाकिस्तान को मुख्यधारा की सियासत का हिस्सा बनने की कोशिश नहीं की। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने फिर हिंदुओं को प्रोत्साहित करना शुरू किया। पीपीपी ने 2018 में एक हिंदू राजनेता महेश मलानी को टिकट दिया। वे मुस्लिम बहुल सामान्य सीट से चुनाव जीतकर पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (निम्न सदन) के लिए पहले निर्वाचित हिंदू सदस्य बने। फिर पीपीपी ने पाकिस्तान की सीनेट (उच्ब सदन) में सामान्य सीट से कृष्णा कुमारी को टिकट दिया। वे 2018 में सामान्य सीट पर निर्वाचित होने वाली पहली महिला हिंदू सीनेटर बनीं। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सीनेट में कुछ सीटें अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। इन आरक्षित सीटों पर पांच हिंदू नेशनल असेंबली और तीन हिंदू सीनेट के सदस्य हैं।


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News Editor

Parveen Kumar

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