दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले की आप भी करेंगे ''तारीफ'', दो पक्षों के झगड़े को ऐसे निपटाया

Friday, Jun 10, 2022 - 09:31 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में किये गए समझौते को संज्ञान में लेते हुए आपस में भिड़े बच्चों के माता-पिता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करते हुये दोनों पक्षों को 45 दिन तक यमुना नदी की सफाई करने तथा दिल्ली जल बोर्ड को रिपोर्ट करने के लिये कहा है। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने एक जून को दिये अपने फैसले में यह भी कहा कि चोट की प्रकृति ‘साधारण' है।

न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह करने वाले याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता पूरी ईमानदारी के साथ यमुना नदी की सफाई में मदद करेंगे और दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य (ड्रेनेज) को रिपोर्ट करेंगे। दोनों पक्षों ने कहा कि उन्हें अपने कृत्य पर अफसोस है और उन्होंने अदालत को अश्वासन दिया कि ऐसे कृत्य भविष्य में दोबारा नहीं होंगे। उन्होंने दावा किया कि दोनों पक्षों ने स्वेच्छा से समझौता किया है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में इस साल 28 फरवरी को भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 341, 506, 509, 354 और 34 के तहत जैतपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। अदालत ने कहा कि अगर इस मामले में कोई कार्यवाही की गयी है तो....उसे प्राथमिकी के साथ रद्द किया जाता है। अदालत ने कहा कि वादी तथा प्रतिवादी दोनों दिल्ली जल बोर्ड की टीम के साथ काम करेंगे, जो दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य की निगरानी में होगा।

अदालत ने कहा कि संतोषजनक सेवा के बाद दोनों पक्षों को दिल्ली जल बोर्ड की ओर से यमुना नदी की सफाई के लिये एक प्रमाण पत्र दिया जायेगा और उस प्रमाण पत्र को रिकार्ड के लिये रखा जायेगा। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा, ‘‘यह उम्मीद की जाती है कि वादी और प्रतिवादी पूरी ईमानदारी और भरपूर ऊर्जा के साथ यमुना नदी की सफाई में मदद करेंगे।''

Yaspal

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