ऑफ द रिकॉर्डः विपक्ष को एक बार फिर ‘एकजुट’ करने का मिशन शुरू करेंगे येचुरी

Thursday, Jan 07, 2021 - 05:51 AM (IST)

नई दिल्लीः मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी विपक्षी दलों को एकजुट करने का अपना प्रयास फिर शुरू करेंगे और राहुल गांधी के विदेश से लौटने पर उनसे व पार्टी के नेताओं से भी बातचीत करेंगे। येचुरी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार व अन्य दलों के नेताओं से भी विचार-विमर्श आगे बढ़ाएंगे। 

विपक्षी दलों में सबसे बड़े नेता समझे जाने वाले शरद पवार को सीताराम येचुरी ने ही पिछली बार दिल्ली आमंत्रित किया था। कांग्रेस इन दिनों अंतर्कलह व दलबदल से जूझ रही है तथा पार्टी के बड़े नेता अहमद पटेल की मृत्यु से अब पार्टी के पास ऐसा कोई नेता नहीं है जो अन्य दलों के सभी बड़े नेताओं से बातचीत कर सके। 

सीताराम येचुरी के प्रयास 90 के दशक में माकपा के बुजुर्ग नेता हरकिशन सिंह सुरजीत की याद दिलाते हैं। सुरजीत के प्रयासों से ही विश्वनाथ प्रताप सिंह, एच.डी. देवेगौड़ा व इंद्रकुमार गुजराल प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। येचुरी सुरजीत के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। येचुरी ने यह महसूस किया कि इस समय सबसे बड़ा मसला सभी दलों को एक साथ लाकर विपक्ष की ताकत बढ़ाई जाए। ये दल अतीत में भी साथ आए थे और इस बार किसानों के मुद्दे ने इन सभी को आपस में बांधा है। 

येचुरी यह भी भली-भांति जानते हैं कि कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है और वह उसकी कमजोरियों के बारे में भी अच्छे से समझते हैं। ऐसे हालात में जब येचुरी से पूछा गया कि क्या कांग्रेस इस बात के लिए राजी है कि शरद पवार विपक्षी दलों का नेतृत्व करें तो उन्होंने कहा कि हाल-फिलहाल मुद्दा यह है कि किसानों को इंसाफ कैसे दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि लगभग एक दर्जन विपक्षी नेता किसानों के मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति से मिले थे, लेकिन सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए तैयार नहीं दिखती इसलिए यदि किसानों से सरकार की वार्ता नाकाम रहती है तो विपक्ष को एक बार फिर मिलकर संघर्ष को आगे बढ़ाना होगा।  

Pardeep

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