अलविदा 2017- भारतीय रेलवे के लिए दुर्घटनाओं-बदलावों से भरा रहा साल

Thursday, Dec 28, 2017 - 06:29 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय रेल के लिए यह साल बेहद उथल-पुथल रहा। इस साल रेलवे में व्यापक दुर्घटनाओं के अलावा बड़े प्राशासनिक बदलाव देखने को मिले। लगातार रेल दुर्घटनाओं के चलते ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु को इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि आंकड़ों के आधार पर गौर किया जाए तो पिछले साल के मुकाबले इस साल रेल दुर्घटनाओं में कमी आयी है।

238 लोगों की दुर्घटनाओं में हुई मौत 

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उत्तर प्रदश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली के पास कलिंग उत्कल एक्सप्रेस का पटरी से उतरना इस साल की सबसे बड़ी दुर्घटना रही। इसमें 23 लोगों की जानें गयी थीं तथा 156 लोग घायल हो गये थे। 

> इस साल अभी तक रेल दुर्घटनाओं में कुल 48 लोगों की जानें गयी हैं जबकि 2016 में मरने वालों की संख्या 238 रही थी तथा 607 लोग घायल हो गये थे।

पिछले साल की अपेक्षा कम हुईं दुर्घटनाएं  

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भारतीय रेल द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2016-17 के दौरान 78 रेल दुर्घटनाएं हुई थीं जबकि 2017-18 के पहले आठ महीनों में 37 दुर्घटनाएं हुईं। 

> चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक 49 गंभीर दुर्घटनाएं हुईं जबकि 2016-17 में 104 और 2015-16 में 107 गंभीर दुर्घटनाएं हुई थीं। 

रेलवे में हुआ प्रशासनिक बदलाव

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नए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने निर्णय लेने की क्षमता तेज करने के लिए महाप्रबंधकों और विभागीय प्रबंधकों को वित्तीय तथा प्राशासनिक अधिकार दिए। 

> वरिष्ठ अधिकारियों को यह ताकत भी दी गई कि वे सुरक्षा और रख-रखाव के कार्यों की निगरानी के लिए 65 वर्ष तक के पुराने कर्मचारियों की फिर सेवाएं ले सकें।

अाधिकारिक सेवाओं में भी की गई कटौती 

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मंत्रालय ने अपने शीर्ष अधिकारियों को सैलून तथा एक्सक्यूटिव श्रेणी में यात्रा करने के बजाय स्लीपर और 3एसी श्रेणी में यात्रा करने को कहा। 

> विभिन्न रेलवे जोन में 200 ऐसे पदों की पहचान करने को कहा गया, जहां बोर्ड में तैनात अधिकारियों को स्थानांतरित किया जा सके। 

> इससे अलावा बड़े अधिकारियों के घर में घरेलू कार्यों के लिए तैनात सभी रेलवे कर्मचारियों को हटाने का दिया गया आदेश। 

> रेलवे बोर्ड ने पिछले महीने कर्मचारियों की संख्या में 40 प्रतिशत की कटौती करने का फरमान जारी किया गया। 

दुर्घटना कम करने के लिए उठाए कदम

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मंत्रालय ने पटरियों का तेजी से नवीनीकरण, पटरियों में गड़बड़ी की जांच के लिए अल्ट्रासोनिक प्रणाली का इस्तेमाल, ट्रेन संरक्षण एवं चेतावनी प्रणाली तथा ट्रेनों के टकराव को टालने वाले तंत्र का विकास आदि जैसे काम भी किए।

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