बस्तर: नक्सलियों के लिए भारी रहा साल 2018

Tuesday, Dec 04, 2018 - 05:47 PM (IST)

जगदलपुर: देश के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में से एक छत्तीसगढ के बस्तर संभाग में इस साल पिछले सालों के मुकाबले नक्सली घटनाओं में जहां एक ओर कमी आई है, वहीं नक्सलियों को खुद भी भारी नुकसान उठाना पड़ा। कई बड़े हमले पैरामिलिट्री फोर्स ने नाकाम कर दिए। पुलिस ने कार्रवाई कर कुछ नक्सली कमाडरों समेत कई नक्सलियों को मार गिराया। कई इनामी नक्सली नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया। नक्सल उन्मूलन के तहत पुलिस ने बस्तर के सभी सातों जिलों में अलग अलग नामों से अभियान छेड़ा। फलस्वरूप कई नक्सली संघटन छोड़ मुख्यधारा में लौटे।  

इस साल आई है बस्तर जोन में घटनाओं में कमी 
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष बस्तर जोन में घटनाओं में कमी आई है। एक जनवरी से 30 नवंबर तक की जानकारी के अनुसार बस्तर जोन के दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा और बस्तर जिले में कुल 436 नक्सली अपराध पंजीबद्ध किए गए। इनमें 157 मुठभेड़, मारे गए नक्सलियों की संख्या 111, गिरफ्तार नक्सलियों की संख्या एक हजार 79, समर्पित नक्सली 451, नक्सली कैंप पर रेड 4, विभिन्न प्रकार के 209 हथियार बरमाद किए गए। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि बस्तर संभाग में नक्सलियों ने वर्ष 2018 में कुल 69 विस्फोट किए। 

67 आम नागरिकों को गवानी पड़ी थी अपनी जान
सुरक्षा बलों के जवानों ने 276 आईईडी बरामद की, जबकि 1075 डेटोनेटर और 661 जिंदा कारतूस नक्सलियों से जप्त किए गए। विभिन्न जिलों में मुठभेड़ और विस्फोट से पैरामिलिट्री फोर्सेस, जिला पुलिस बल, डीआरजी सहित बस्तर में तैनात अन्य सुरक्षा बलों के 50 जवान शहीद हुए, जबकि मुखबिरी व अन्य कारणों से 67 आम नागरिकों को अपनी जान गवानी पड़ी। एक जनवरी से 30 नवंबर 2018 के बीच सुरक्षा बलों के 121 जवान घायल हुये, जबकि 30 आम नागरिकों को नक्सलवाद का दर्द उठना पड़ा। विगत वर्षो में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों से लूटे गये 16 हथियार भी फोर्स ने बरामद किए।  इस साल बस्तर जिले में 15 अपराध दर्ज किये गये। पुलिस और नक्सलियों के बीच पांच मुठभेड़ हुईं, जिसमें एक नक्सली का शव बरामद किया गया। क्सलियों की गिरफ्तारियां हुईं, 22 ने समर्पण किए। 
 

Anil dev

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