वट पूर्णिमा पर छलका पतियों का दर्द, पत्नियों से ''छुटकारा'' पाने के लिए की पेड़ की पूजा
punjabkesari.in Thursday, Jun 28, 2018 - 03:45 PM (IST)
नेशनल डेस्क: देशभर में वट पूर्णिमा का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। लेकिन महाराष्ट्र में वट पूर्णिमा के दिन अजीब ही नजारा देखने को मिला जहां पुरुषों ने पत्नियों से ‘छुटकारा ’ पाने की दुआएं मांगी। दरअसल ये पुरुष अपनी पत्नियों से इतने परेशान हैं कि उन्होंने पेड़ के चारों तरफ उल्टी दिशा में धागा बांधकर मन्नत मांगी की अगले सात जन्मों तक ऐसी पत्नी मत देना।
पत्नी पीड़ित पुरुष संगठन के सदस्यों ने अपनी पत्नियों से पीड़ित होने का दावा किया। जिस कारण उन्होंने अलग तरीके से यह पर्व मनाया। इस समुदाय ने पीपल के पेड़ पर उल्टी दिशा में धागा बांधकर जाप किया कि ऐसी पत्नियां सात जन्म क्या सात सेकंड के लिए भी न मिले। संगठन के सदस्य तुषार वाखरे के अनुसार हमारी पत्नियां कानूनी प्रावधानाओं का इस्तेमाल कर हमारा उत्पीड़न करती हैं। उन्होंने इतनी दिक्कतें दी हैं कि हम उनके साथ सात सेकंड भी नहीं रहना चाहते, सात जन्म की बात ही छोड़ दीजिए।
संगठन के संस्थापक भरत फुलवारे और अन्य सदस्यों ने भादंसं की धारा 498-ए, 354 और घरेलू हिंसा कानून के ‘दुरुपयोग’ को लेकर भ्ज्ञी बैनर दिखाए। एक अन्य सदस्य ने कहा कि उन्हें ऐसी पत्नी नहीं चाहिए क्योंकि वह अपना खाना खुद बनाते हैं और सारे घरेलू काम करते हैं। उन्होंने बताया कि पत्नी के कारण उनकी नौकरी चली गई। वह उसका चेहरा देखने के बजाए मरना पसंद करेंगे।
बता दें कि वट पूर्णिमा को वट सावित्री के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा पर्व है जहां शादीशुदा महिलाएं बरगद के पेड़ के चारों तरफ धागा बांधकर अगले सात जन्मों तक अपने पति का साथ मांगती हैं। यह पर्व सावित्री और सत्यवान की कथा पर आधारित है जहां सावित्री ने मृत्यु देवता यम से अपने पति सत्यवान का जीवन ‘वापस हासिल’ कर लिया था।