अयोध्या में मंदिर शिलान्यास पर वर्ल्ड मीडिया हुआ "राममय", सुर्खियां देख गदगद हो रहे रामभक्त

Wednesday, Aug 05, 2020 - 04:39 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन के साथ ही रामभक्तों का मंदिर निर्माण को लेकर बरसों पुराना सपना आज साकार हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (बुधवार) को भूमि पूजन  के बाद मंदिर का शिलान्यास किया। इस ऐतिहासिक पल का सिर्फ भारतीय मीडिया ही नहीं बल्कि वर्ल्ड मीडिया भी गवाह बना। राम मंदिर भूमि पूजन वर्ल्ड मीडिया की सुर्खियों में छाया रहा।  CNN, द गार्जियन, BBC, अलजजीरा और डॉन ने इस ऐतिहासिक घटना को प्रमुखता से कवर किया। इस मुद्दे पर विदेशी मीडिया में जबरदस्त सुर्खियां देख दुनिया भर के रामभक्त गदगद हो रहे हैं। जानिए किस मीडिया ने क्या लगाई सुर्खियां...

कोरोना वायरस  संकट के बावजूद PM मोदी ने किया शिलान्यास: CNN
CNN ने लिखा कि कोरोना वायरस संकट के बावजूद  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थान पर राम मंदिर का शिलान्यास  कर भारतीय इतिहास को नया आयाम दिया है। CNN ने लिखा यह जगह सालों से हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच विवाद का जड़ रही है। बुधवार को भूमि पूजन कार्यक्रम ऐसे समय हो हुआ, जब भारत में लगातार पांच दिनों से 50 हजार से ज्यादा संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं। बता दें कि संक्रमण के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर है। गृह मंत्री अमित शाह और अयोध्या में मंदिर के पुजारी समेत चार सिक्युरिटी गार्ड भी संक्रमित हुए हैं।

अयोध्या में 3 महीने पहले ही आ गई दिवाली: द गार्जियन
ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन ने लिखा कि अयोध्या में दिवाली तीन महीने पहले ही आ गई है। शहर में राम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है। दशकों से यह भारतीय इतिहास का सबसे भावनात्मक और विभाजनकारी मुद्दा रहा है। भगवान राम हिंदुओं में सबसे ज्यादा पूजनीय हैं। उनका मंदिर बनना बहुत से हिंदुओं के लिए गर्व का क्षण है। लेकिन, भारतीय मुसलमानों के मन में दो तरह की भावनाएं हैं। एक तो उनकी मस्जिद के जाने का दु:ख है जो 400 सालों से वहां खड़ी थी। दूसरा- उन्होंने मंदिर निर्माण पर अपनी मौन सहमति भी दे दी है।

राम मंदिर की नींव नए तरह के भारतीय संविधान का शिलान्यास: डॉन
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने लिखा कि बाबरी मस्जिद की जगह पर  राम मंदिर की नींव अलग प्रकार के भारतीय संविधान का शिलान्यास है।  इस जगह पर करीब 500 सालों से बाबरी मस्जिद थी। मोदी के आलोचक मानते हैं कि यह सेक्युलर भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने का एक और कदम है। भारत के सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के पूर्व अध्यक्ष प्रताप भानु मेहता के हवाले से डॉन ने लिखा - राम मंदिर का शिलान्यास इस बात का संकेत है कि भारत का मौलिक संवैधानिक ढांचा बदल रहा है।

 

 

दुनिया भर के हिंदू खुश: ABC News
ABC News ने अपनी वेबसाइट पर लिखा- कोरोना वायरस जैसी महामारी की वजह से भारी भीड़ नहीं हुई, लेकिन भारत के ही नहीं पूरी दुनिया के हिंदू खुश हैं। प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन किया। यहां पहले कथित तौर पर मस्जिद थी। राम मंदिर के निर्माण में तीन से साढ़े तीन साल लगेंगे। यह दुनिया के सबसे भव्य मंदिरों में से एक होगा।

 

भूमि पूजन के साथ राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद का जिक्र: BBC
BBC ने भूमि पूजन के साथ ही राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद का भी जिक्र किया। लिखा- प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर का भूमि पूजन किया। 1992 तक यहां मस्जिद थी। जिसे भीड़ ने गिरा दिया था। दावा किया जाता है कि यहां मस्जिद से पहले मंदिर था। इसलिए दोनों समुदाय इस जगह पर दावा करते रहे। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया। मुस्लिमों को मस्जिद के लिए अलग जगह दी गई है।

भारत की सेक्युलर विचारधारा से समझौता: अल जजीरा
खाड़ी देशों के चैनल अल जजीरा ने लिखा कि मस्जिद की जगह पर मंदिर बनाकर भारत की सेक्युलर विचारधारा से समझौता किया गया है। भारत की सत्ता में मौजूद हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी ने 1980 के दशक से मंदिर आंदोलन छेड़ा था। 1992 में हिंदू कट्‌टरपंथियों ने मस्जिद गिरा दी। नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं को भी मस्जिद की जगह दे दी। इस फैसले की बड़ी आलोचना हुई थी। विडंबना यह है कि मंदिर की नींव रखी जा रही और बाबरी विध्वंस मामले की कानूनी सुनवाई तक अभी पूरी नहीं हुई है।

Tanuja

Advertising