अब मजबूर नहीं रहा मजदूर, मनमानी पर उतरे प्रवासी श्रमिक अब वसूल रहे डेढ़ गुणा दिहाड़ी

Saturday, Jun 13, 2020 - 06:54 PM (IST)

साम्बा (संजीव): लॉकडाउन की पाबंदियोंं के चलते काम न मिलने से परेशान हो रहा प्रवासी मजदूर अब मजबूर नहीं रहा हैं। लॉकडाउन हटने के बाद अब वह मनमानी मजदूरी वसूल रहा है।      लगभग ढाई माह तक रहे सख्त लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक शुरू होते ही निमार्ण कार्य की अनुमति मिल गई है और लोगों ने दुकान-मकान आदि का निमार्ण शुरू कर दिया है। एक बार फिर से मिस्त्री-मजदूरों की जरूरत पडऩे लगी है। लेकिन कोरोना के डर से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने-अपने संबंधित गृह राज्यों को लौट चुके हैं। ऐसे में जो श्रमिक जहां रह गए हैं वह अब मनमानी पर उतर आए हैं। 


    यह मजदूर अब मनमानी दिहाड़ी (दैनिक मजदूरी) वसूल रहे हैं। लोगों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले राजमिस्त्री 500 और मजदूर 350 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी लेते थे लेकिन 3 माह बाद ही इन्होंने अपनी मजदूरी बढ़ा दी है। राजमिस्त्री 700 तो मजदूर 500 रूपए दिहाड़ी ले रहा है। लोगों की विवशता है कि उन्हें इनसेकाम करवाना पड़ रहा है। लॉकडाउन के चलते हजारों लोगों का निमार्ण अधूरा रह गया था जिसे अब पूरा करना है ऐसे में प्रवासी मिस्त्री-मजदूर इन लोगों का फायदा उठाते हुए डेढ़ गुणा मजदूरी वसूल रहे हैं। 


    विजयपुर नगर पालिका के चेयरमैन दीपक पगोत्रा ने राज्य प्रशासन और खासतौर पर श्रम आयुक्त से आग्रह किया है कि प्रवासी श्रमिकों की दिहाड़ी फिक्स की जाए ताकि यह गरीब लोगों के साथ मनमानी न करें। पगोत्रा ने कहा कि इतनी अधिक मजदूरी देकर गरीब आदमी अपना मकान-दुकान कैसे बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उचित कदम न उठाया तो आने वाले महीनों में यह अपनी मजदूरी और बढ़ा देंगे जिसका बोझ आम आदमी पर पड़ेगा। 
 

Monika Jamwal

Advertising