छतरपुर: पुलिस से परेशान महिला ने मांगी आत्महत्या की अनुमति, SP ने दे दिया अप्रूवल
punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2024 - 10:48 AM (IST)
नॅशनल डेस्क। मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक महिला ने पुलिस के उत्पीड़न से तंग आकर एसपी से आत्महत्या की अनुमति मांगी। महिला का आरोप है कि थाने की पुलिस ने सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। इसके बाद महिला ने एसपी को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई लेकिन इस पर एसपी ने महिला के आवेदन पर मुहर और हस्ताक्षर कर उसकी रसीद दे दी।
क्या है पूरा मामला?
छतरपुर जिले के हरपालपुर की निवासी शोभा जंगरिया, जो वार्ड नंबर 13 के खटीक मोहल्ले में रहती हैं, ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शोभा के मुताबिक, 10 नवंबर की रात उनके पति राजेंद्र जंगरिया के साथ मोहल्ले के कुछ लोगों ने शराब के नशे में मारपीट की। जब उन्होंने हरपालपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उनके खिलाफ ही FIR दर्ज कर दी।
CM हेल्पलाइन पर शिकायत और दबाव
इससे परेशान होकर शोभा ने सीएम हेल्पलाइन (181) पर थाने की पुलिस के खिलाफ शिकायत की। इसके बाद थाना प्रभारी पुष्पक शर्मा ने उन्हें शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। शोभा का आरोप है कि जब उन्होंने शिकायत वापस लेने से इनकार किया, तो पुलिस ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी।
आत्महत्या की इजाजत का आवेदन
पुलिस के इस रवैये से तंग आकर शोभा ने 18 नवंबर को छतरपुर के एसपी अगम जैन को आवेदन देकर आत्महत्या की अनुमति मांगी। हैरानी की बात यह रही कि एसपी कार्यालय ने उस आवेदन पर मुहर और साइन करके रसीद के तौर पर शोभा को लौटा दिया।
मामला सोशल मीडिया पर वायरल
महिला द्वारा साझा किया गया यह आवेदन पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इस मामले ने तूल पकड़ लिया और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे। शोभा ने कहा, "हमें न्याय नहीं मिला, इसलिए हमने आत्महत्या की इजाजत मांगी। अब हमारे पास आत्महत्या करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है।"
एसपी की सफाई
एसपी अगम जैन ने आत्महत्या के आवेदन की बात को खारिज किया है। उनका कहना है कि महिला ने आत्महत्या की इजाजत मांगी ही नहीं थी। उन्होंने बताया कि शोभा ने सीएम हेल्पलाइन के मामले में थाने द्वारा दबाव बनाने की शिकायत की थी। इसे गंभीरता से लेते हुए एसडीओपी नौगांव को जांच का आदेश दिया गया है। हालांकि, महिला के आवेदन में साफ लिखा था कि वह "परेशान होकर आत्महत्या की अनुमति" मांग रही है।
सवाल और चिंताएं
इस घटना ने प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
: क्या पुलिस के रवैये से परेशान आम नागरिक के लिए न्याय पाना इतना कठिन है?
: आत्महत्या की अनुमति मांगने वाले आवेदन पर मुहर और साइन करना क्या उचित था?
: सीएम हेल्पलाइन जैसे तंत्र का फायदा उठाने वाले लोगों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जाना कितना सही है?
यह मामला पुलिस और प्रशासन के रवैये पर गहरी बहस छेड़ने के साथ-साथ नागरिक अधिकारों पर सवाल उठाता है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।