बुधवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू, सरकार ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक

Tuesday, Nov 15, 2016 - 08:49 AM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने नोटबंदी फैसले को कड़क चाय की तरह बताया है। बता दें कि नोटबंदी पर सरकार को अगली लड़ाई विपक्ष से संसद में लड़नी है और सरकार का कहना है कि वह इसके लिए तैयार भी है क्योंकि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दे नहीं है इसलिए विपक्ष जनता को ढाल बनाकर सरकार पर निशाना बनाना चाहती है। वहीं नोटबंदी से हो रही परेशानी के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को 16 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में घेरने की कोशिश में जुट गई है, जिसकी अगुवाई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कर रही हैं।

सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले आज सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक में 500-1000 के नोटों पर बैन, पीओके में सैन्य कार्रवाई, कश्मीर के हालात, जीएसटी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।

सोनिया गांधी ने 10 जनपथ पर बुलाई बैठक
आज कांग्रेस ने सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर बैठक बुलाई है जिसमें सरकार को संसद में घेरने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। हालांकि सोमवार की बैठक में सपा, बसपा, डीएमके, एआईएडीएमके, आम आदमी पार्टी, बीजेडी जैसी पार्टियां मौजूद नहीं रहीं लेकिन कांग्रेस का दावा है कि आज होने वाली बैठक में इनमें से कई पार्टियां मौजूद रहेंगी. संसद का संत्र ठीक से चले इसके लिए लोकसभा स्पीकर ने सोमवार को सभी दलों की बैठक बुलाई।

इन मुद्दों पर होगी चर्चा
नोटबंदी के अलावा जीएसटी, तीन तलाक जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। सत्र के समयपूर्व आयोजन का उद्देश्य केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) को जल्द से जल्द पास करवाना है ताकि जीएसटी का रास्ता साफ हो सके। सरकार अगले साल से बजट सत्र के समयपूर्व आयोजन पर भी विचार कर रही है। इसे समय से एक महीने पहले या जनवरी से शुरू किया जा सकता है. पीटीआई के मुताबिक, जीएसटी से जुड़े कानूनों के अलावा 15 नए बिल भी पेश किए जा सकते हैं।

मुकाबला करने के लिए एनडीए भी एकजुट
नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष का संसद में मुकाबला करने के लिए पूरा एनडीए भी एकजुट हो गया है. सोमवार की रात एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगी दलों को नोटबंदी के मुद्दे पर जनता से मिल रहे समर्थन के बारे में बताया। इस बैठक में शिवसेना और अकाली दल दोनों ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की तारीफ की। इससे पहले शिवसेना ने नोटबंदी को बेकार की कसरत बताया था।

 

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