संसद का शीतकालीन सत्र खत्म, लोकसभा में 14 तो राज्यसभा में 15 बिल पास

Saturday, Dec 14, 2019 - 04:35 AM (IST)

नेशनल डेस्कः मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के महज दो सत्र में सरकार ने दो अहम सियासी मोर्चे पर फतह हासिल की। पहले सत्र में अनुच्छेद 370 निरस्त कर सबको चौंकाया तो शुक्रवार को खत्म हुए शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन कानू को अमली जामा पहना कर दूसरा हिंदूवादी एजेंडा पूरा करने में सफलता हासिल की। सरकार ने दोनों अहम एजेंडों को उच्च सदन में बहुमत से दूर रहने के बावजूद अपने दम पर अंजाम तक पहुंचाया।

बीते मॉनसून सत्र की तरह शीतकालीन सत्र भी मोदी सरकार के लिए बेहद सफल रहा। इस दौरान लोकसभा में 14 तो राज्यसभा में 15 बिलों पर सहमति की मुहर लगी। इनमें से कई बिल लगातार चर्चा का विषय बने। मसलन दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सरकार अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का सफल दांव भी चलने में कामयाब रही।

इसके अलावा संसद और विधानसभाओं में एससी-एसटी प्रतिनिधित्व आरक्षण को दस साल आगे बढ़ाने के साथ इनमें एंग्लो इंडियन कोटे को खत्म करने में भी सरकार कामयाब रही। फिर सरकार एसपीजी एक्ट में संशोधन कर एसपीजी की सुरक्षा पीएम तक ही सीमित रखने संबंधी कानून भी बनाने में कामयाब रही। लोकसभा का उत्पादकता 115 तो राज्यसभा की उत्पादकता सौ फीसदी रही।

पहले सत्र की तरह दूसरे सत्र में भी विपक्ष को सरकार के फ्लोर मैनेजमेंट का कायल होना पड़ा। उच्च सदन में बहुमत न होने और विपक्ष के तीखे विरोध के बावजूद सरकार नागरिकता संशोधन बिल और एसपीजी एक्ट संशोधन बिल को बड़े अंतर से कानून बनाने में कामयाब रही। इनमें नागरिकता संशोधन बिल को पारित कराने के लिए सरकार न सिर्फ कई विरोधियों को साधने में कामयाब रही बल्कि विपक्ष के करीब-करीब सभी दलों में सेंध लगाया।

वर्तमान सत्र में सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा), जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक, सरोगेसी विनियमन, कॉरपोरेट कर कम करने संबंधी संशोधन, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिबंध, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और नागरिकता संशोधन जैसे अहम बिलों को कानून बनाने में सफल हुई।

Yaspal

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