कंबोडिया दौरे पर जाएंगे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, आसियान-भारत स्मृति शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग

Thursday, Nov 10, 2022 - 06:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को तीन दिवसीय यात्रा पर कंबोडिया जायेंगे जहां वह आसियान-भारत स्मृति शिखर सम्मेलन और 17वीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए कहा, ‘‘हम कांबोडिया सहित आसियान के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देते हैं और यह हमारी एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में हैं।'' उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उपराष्ट्रपति के साथ कंबोडिया जाएंगे। ज्ञात हो कि कंबोडिया इन शिखर बैठकों की मेजबानी कर रहा है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ 11-13 नवंबर तक कंबोडिया की यात्रा पर जायेंगे। कुमार ने कहा कि उपराष्ट्रपति धनखड़ 12 नवंबर को नामपेन्ह में आसियान-भारत स्मृति शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस वर्ष आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मित्रता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ कांबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ द्विपक्षीय मुद्दा पर चर्चा करेंगे। वे कांबोडिया के नरेश से भी भेंट करेंगे।

उन्होंने बताया कि 11 नवंबर को धनखड़ नामपेन्ह में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे। कुमार ने बताया कि 13 नवंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 17वीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे जिसमें आसियान के 10 सदस्य देश शामिल हैं। इन देशों में ब्रूनेई दारूस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपीन, वियतनाम शामिल हैं। इसमें आठ डायलॉग पार्टनर हैं जिसमें भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं।

यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति का कंबोडियाई नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय कार्यक्रम भी है। इसके अलावा वे शिखर बैठक से इतर विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। उपराष्ट्रपति अपनी यात्रा के दौरान सीम रीप भी जायेंगे जहां वह भारत की ओर से कंबोडियाई धरोहरों के संरक्षण के लिये किये जा रहे कार्यो की समीक्षा भी करेंगे। वह संक्षिप्त यात्रा पर अंकोरवाट मंदिर भी जायेंगे। कुमार ने कहा कि भारत और कांबोडिया के संबंध काफी मित्रतापूर्ण रहे हैं और वे आगे बढ़ रहे हैं। आसियान और भारत विश्वसनीय सहयोगी हैं और दोनों के बीच सदियों पुराने सम्पर्क हैं। 

rajesh kumar

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